दिल्ली कॉन्ग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर से खुलकर सामने आने लगी है। दिल्ली कॉन्ग्रेस में 14 जिला कॉन्ग्रेस कमिटी पर्यवेक्षक और 280 ब्लॉक कॉन्ग्रेस कमिटी पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को लेकर रार छिड़ गई है। प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के इस फैसले का विरोध करते हुए दिल्ली के तीन कार्यकारी अध्यक्ष हारुन युसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोथिया ने सीधे राहुल गाँधी को खत लिखकर शिकायत की है। इसके अलावा उन्होंने कॉन्ग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को भी खत लिखा है।
3 Working Pres. of Delhi Pradesh Congress Committee-Harun Yusuf,Devender Yadav, Rajesh Lilothia, have written to Rahul Gandhi,AICC in-charge for Delhi PC Chacko & AICC general secretary in-charge of organisation KC Venugopal, on ‘unilateral decisions taken without informing them’ https://t.co/e1jPmUlGDu
— ANI (@ANI) July 13, 2019
पत्र में तीनों कार्यकारी अध्यक्षों ने लिखा कि शीला दीक्षित ने इन नियुक्तियों को लेकर न तो उनसे कोई सलाह ली और न ही उन्हें सूचित किया गया। शीला दीक्षित ने खुद ही पदाधिकारियों को मनोनीत कर दिया। कार्यकारी अध्यक्षों ने शीला दीक्षित की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए ब्लॉक कमिटी को भंग करने की माँग की। उनका कहना है कि पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का फैसला गलत है।
इसके बाद पीसी चाको ने शीला दीक्षित को पत्र लिखकर कहा कि उन्होंने पहले भी उनसे कहा है कि पार्टी संगठन का फैसला वो अकेले नहीं कर सकती हैं, इसलिए शुक्रवार (जुलाई 12, 2019) को जो उन्होंने ब्लॉक पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की थी, उसे महासचिव प्रभारी के तौर पर वे (पीसी चाको) अयोग्य करार देते हैं। साथ ही चाको ने अपने पत्र में ये भी लिखा कि शीला दीक्षित जल्द ही संगठन की मीटिंग बुलाकर सबके साथ मिलकर दिल्ली कॉन्ग्रेस के लिए काम करें।
गौरतलब है कि इससे पहले शीला दीक्षित ने दिल्ली के ब्लॉक अध्यक्ष की कमिटी को भंग कर दिया था। उसके बाद भी पीसी चाको और शिला दीक्षित के मतभेद ऐसे ही सामने आए थे और प्रभारी महासचिव ने शीला दीक्षित के फैसले को तब भी अयोग्य करार दिया था। दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने वाले हैं लेकिन कॉन्ग्रेस अभी तक अपने झगड़े निपटाने में असफल रही है।