Monday, November 18, 2024
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RJD के बाहुबली नेता अनंत सिंह को 10 साल सश्रम कारावास की सजा, घर में मिला था AK-47 और ग्रेनेड, अब विधायकी पर संकट

बाहुबली अनंत सिंह को बिहार का कद्दावर नेता और भूमिहार समाज में उनकी गहरी पैठ वाला नेता माना जाता है। वे पहले नीतीश कुमार के करीबी थे, लेकिन 2015 में करीबी टूट गई। इसके बाद वे RJD में शामिल हो गए थे। एक बार उन्होंने नीतीश कुमार के ‘सुशासन की सरकार’ को ‘$%ड़ा की सरकार है’ कह दिया था।

बिहार के मोकामा से RJD के बाहुबली विधायक अनंत सिंह (Anant Singh) उर्फ ‘छोटे सरकार’ को AK-47 मामले में सजा सुनाई गई है। पटना स्थित जज त्रिलोकी दुबे की MP-MLA कोर्ट ने मंगलवार (21 जून 2022) को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने इस मामले में 14 जून को उन्हें दोषी करार दिया था। सजा मिलने के बाद अनंत सिंह की विधानसभा की सदस्यता जाने का खतरा है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, दो वर्ष या इससे ज्यादा की सजा होने पर विधानसभा या संसद की सदस्यता स्वत: खत्म हो जाती है। हालाँकि, उनके वकील सुनील कुमार ने कहा कि सजा के फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। अदालत ने अनंत सिंह के पैतृक आवास के केयर टेकर को भी 10 साल की सजा सुनाई है।

इस कांड की सुनवाई स्पीडी ट्रायल के तहत 32 महीने तक चली। इस कांड में विधायक अनंत सिंह को सुप्रीम कोर्ट तक से जमानत नहीं मिली थी। अनंत सिंह 25 अगस्त 2019 से पटना के बेऊर जेल में बंद हैं। इस मामले में विधायक और उनके केयर टेकर पर 15 अक्टूबर 2020 में आरोप तय किया गया था। इसके बाद विशेष लोक अभियोजक ने 13 पुलिस अभियोजन गवाहों को कोर्ट में पेश किया। विधायक की ओर से बचाव पक्ष में 34 गवाह पेश किए गए।  

क्या है पूरा मामला

पटना पुलिस ने सूचना के आधार विधायक अनंत कुमार सिंह के पैतृक आवास बाढ़ थाना के लदवां गाँव में 16 अगस्त 2019 को छापेमारी की थी। इस मामले में बाढ़ की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह के नेतृत्व में पुलिस की ये रेड करीब 11 घंटे तक चली थी।

छापेमारी में विधायक के पुश्तैनी घर से एक प्रतिबंधित हथियार AK-47, 33 जिंदा कारतूस और दो ग्रेनेड बरामद हुए थे। इस रेड के बाद अनंत सिंह फरार हो गए थे। बिहार पुलिस उनकी तलाश में जुटी थी तो वे पुलिस को चकमा देने लगे और सोशल मीडिया पर एक के बाद एक वीडियो जारी कर रहे थे।

विधायक के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी हुआ था

पुलिस ने फरार चल रहे अनंत सिंह की गिरफ्तारी के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया था। विधायक ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में अगस्त में सरेंडर किया था। इसके बाद पटना पुलिस उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर पटना ले आई थी। 

एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट ने दोनों आरोपितों के खिलाफ आर्म्स एक्ट की 7 धारा, भारतीय दंड संहिता (IPC) की दो धारा और दो विस्फोटक अधिनियम के तहत आरोप तय किया था। दोनों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने का भी आरोप तय हुआ था। विधायक अनंत सिंह पर एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट में 5 आपराधिक मामले सेशन ट्रायल और 4 आपराधिक मामले न्यायिक दंडाधिकारी एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट में चल रहा है।

इसके अलावा दानापुर, गया व बाढ़ में भी उनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं।

कब-कब क्या हुआ

  • 16 अगस्त 2019: मोकामा विधायक अनंत सिंह के पैतृक आवास लंदावा से एके-47 और 2 ग्रेनेड बरामद 
  • 16 अगस्त 2019: बाढ़ थाने में दर्ज कराई गई थी एफआईआर 
  • 25 अगस्त 2019: दिल्ली के साकेत कोर्ट में किया था सरेंडर  
  • 5 नवंबर 2019: पुलिस ने चार्जशीट दायर की
  • 17 जून 2020: एमपी-एमएलए के विशेष कोर्ट में ट्रायल के लिए ट्रांसफर
  • 15 अक्टूबर 2020: आरोप गठित हुआ 
  • 14 जून 2022: अनंत सिंह दोषी करार
  • 21 जून 2022: अनंत सिंह को 10 साल की जेल की सजा

बता दें कि बाहुबली अनंत सिंह को बिहार का कद्दावर नेता माना जाता है और भूमिहार समाज में उनकी गहरी पैठ है। वे पहले नीतीश कुमार के करीबी थे, लेकिन 2015 में करीबी टूट गई। इसके बाद वे RJD में शामिल हो गए थे। एक बार उन्होंने नीतीश कुमार के ‘सुशासन की सरकार’ को ‘$%ड़ा की सरकार है’ बताया था। इसका वीडियो खूब वायरल हुआ था और सोशल मीडिया पर खूब मीम बने थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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