एक तरफ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो कॉन्ग्रेस प्रमुख सोनिया गाँधी से मिलकर भाजपा को हटाने की कोशिश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पार्टी के नेता शिवानंद तिवारी ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जैसे संगठनों का बचाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जिंदाबाद कहना विरोध का तरीका है।
राजद के वरिष्ठ नेता तिवारी ने कहा, “पाकिस्तान जिंदाबाद का जो नारा है, वो एक प्रोटेस्ट का इजहार है। ऐसा नहीं है कि वो (नारे लगाने वाले) पाकिस्तानी हो गए हैं। यह प्रोटेस्ट का इजहार है कि हाँ भाई चिढ़ा रहे हैं आपको… विरोध कर रहे हैं कि नहीं भाई साहब, जो आप कर रहे हैं उसका हम समर्थन नहीं कर रहे हैं… हम उसका विरोध कर रहे हैं और विरोध के स्वरूप पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा दिया। ऐसा नहीं है कि वो पाकिस्तान जाने के लिए तैयार है और कह दीजिए तो वह चला जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “इस बात को भी समझना चाहिए। आप उसका जवाब क्या दे रहे हैं कि चुन-चुन कर मारेंगे। इसका का प्रोटेस्ट है ये। आप चुन-चुन कर मार रहे हैं। क्या हालत हो गई है भाई?”
तुष्टीकरण की पराकाष्ठा शायद इसे ही कहेंगे! 🤔@RJDforIndia नेता शिवानंद तिवारी के अनुसार अगर विरोध के स्वरूप पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए हैं! यह तो विरोध करने का एक तरीका है!
— Ritesh Kashyap (@meriteshkashyap) September 25, 2022
लेकिन उन्हें इस बात से भी तकलीफ है कि जिन्होंने नारे लगाए उन्हें लोग बुरा भला कहे! pic.twitter.com/tBTnrrpBfC
RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तिवारी ने यह बात पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के प्रदर्शन और नारेबाजी पर कही। उन्होंने कहा कि उनका प्रोटेस्ट करने का अपना तरीका है। उन्होंने कहा कि चुन-चुन मारने जैसी टिप्पणी के कारण ही दूसरे देशों में भारतवंशियों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जिन-जिन देशों में भारत के लोग हैं, उनके खिलाफ नफरत का इजहार होने लगा है।
शिवानंद के इस बयान पर बिहार में उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने ही विरोध किया है। JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि तिवारी का यह बयान देश के मान-सम्मान को ठेस पहुँचाने वाला है। कुशवाहा ने कहा कि आरजेडी का इस तरह का बयान कहीं से सही नहीं है और जब देश की बात आती है तो इसकी एकता-अखंडता के लिए एकजुट हैं।
राजद नेता शिवानंद तिवारी के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी उन्हें लोग खरी-खोटी सुना रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि अब शिवानंद तिवारी का भी पाकिस्तान के लिए टिकट कटवा देना चाहिए तो कुछ लोग इसे तुष्टिकरण की चरम सीमा बता रहे हैं।