गाँधी परिवार द्वारा देश पर राहुल गाँधी को थोपने के बाद अब कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दामाद ने राजनीति में उतरने और चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। रॉबर्ट वाड्रा ने गुरुवार को राजनीति में शामिल होने की इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें ‘लड़ने के लिए संसद में रहना होगा।” बता दें वाड्रा ने बेनामी संपत्ति मामले में आयकर विभाग द्वारा की गई कड़ी पूछताछ के बाद यह बयान दिया है।
कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं एक ऐसे परिवार से संबंधित हूँ, जिसने पीढ़ियों से इस देश के लोगों की सेवा की है और देश के लिए शहीद भी हुए हैं। मैंने देखा है, सीखा है, अभियान चलाया है और देश के विभिन्न हिस्सों में समय बिताया है। मुझे लगता है कि मुझे इसी शक्ति के साथ लड़ने के लिए संसद में रहना होगा।”
वाड्रा ने आरोप लगाया कि उनके साथ इस तरह का व्यवहार इसलिए किया गया, क्योंकि वह एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि वह उचित समय पर राजनीति में शामिल होने का निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा, “जब मैं एक ऐसी जगह देखूँगा, जहाँ लोग मुझे प्रतिनिधित्व करने के लिए वोट देंगे और मैं उस क्षेत्र के लोगों के जीवन में एक अंतर ला सकता हूँ और अगर मेरा परिवार इसे स्वीकार करता है।”
नई दिल्ली स्थित अपने सुखदेव विहार कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए, वाड्रा ने कहा, प्रियंका बहुत सपोर्टिव हैं। मैं पूरे परिवार के बारे में बात कर रहा हूँ और जब वे इसे मंजूरी देंगे, तो मैं राजनीति में हो सकता हूँ और राजनीतिक क्षेत्र में अपने मुद्दों के लिए लड़ सकता हूँ।
गौरतलब है कि इस हफ्ते की शुरुआत में ED ने कथित बेनामी संपत्तियों के मामले में लगातार रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ की है। सोनिया गाँधी के दामाद द्वारा 2005 और 2010 के बीच खरीदी गई इन संपत्तियों का कुल मूल्य 12,000 पाउंड माना जाता है।
दिलचस्प यह है कि पहली बार वाड्रा की राजनीतिक आकांक्षाएँ सामने नहीं आई हैं। वाड्रा ने 2019 में भी संकेत दिया था कि वह ‘लोगों की सेवा करने में बड़ी भूमिका‘ के लिए तैयार हैं। यही नहीं वाड्रा के इस बयान के कुछ ही घंटों बाद ही उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में उनके नाम के पोस्टर भी लगाए गए थे। जिसमें रॉबर्ट वाड्रा से मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया गया था।
वहीं इस घटना के एक महीने बाद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से भी चुनाव लड़ने का आग्रह करने वाले पोस्टर सामने आए थे। हालाँकि 6 मार्च 2019 को एएनआई से बात करते हुए उन्होंने राजनीति में नहीं शामिल होने की कसम खाई थी जब तक कि मनी लॉन्ड्रिंग मामलों से उनका नाम साफ नहीं हो जाता।
उल्लेखनीय है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बेनामी संपत्ति के मामले में प्रियंका गाँधी के पति रॉबर्ट वाड्रा को नोटिस भेजा था, लेकिन वह इनकम टैक्स के दफ्तर नहीं पहुँचे। ऐसे में इनकम टैक्स की टीम पूछताछ के लिए उनके घर पहुँच गई और उनका बयान दर्ज किया। साथ ही लगभग 23,000 दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
बता दें ब्रिटेन में कथित तौर पर कुछ अघोषित आय रखने के आरोप में वाड्रा आयकर विभाग की जाँच के दायरे में हैं। प्रवर्तन निदेशालय भी धनशोधन विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ इन आरोपों की जाँच कर रहा है। पेशे से कारोबारी वाड्रा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों और कुछ भी गलत करने से इनकार किया है। कॉन्ग्रेस ने कुछ महीने पहले कहा था कि वाड्रा के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई की जा रही है।
आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने कम दाम में बीकानेर में ज़मीन खरीदी, जिसे आगे अधिक दाम में बेचकर मुनाफा कमाया। इसी से जुड़े एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी जाँच कर रहा है। प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा पर लंदन में संपत्ति की खरीद के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। वाड्रा पर ब्रायनस्टन स्क्वायर में 1.9 मिलियन पाउंड की कीमत का मकान खरीदने का आरोप है। रॉबर्ट वाड्रा फिलहाल अग्रिम जमानत पर हैं।
ईडी ने दिल्ली उच्च न्यायालय से यहाँ तक कहा था कि रॉबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने की आवश्यकता है। जाँच एजेंसी ने दलील दी थी कि धन के लेन-देन की कड़ियों से कथित रूप से उनका सीधा संबंध है। ईडी ने वाड्रा पर आरोप लगाया था कि वे अपने खिलाफ धनशोधन मामले की जाँच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।