प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज कॉन्ग्रेस नेता जगदीश शर्मा, राहुल गाँधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के स्व-घोषित ‘चेला’ (शिष्य) को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत जाँच के सिलसिले में तलब किया। उन्हें ईडी के सामने जामनगर हाउस कार्यालय में पेश होना है।
Delhi: Enforcement Directorate has summoned Congress worker Jagdish Sharma, in connection with an investigation under PMLA. He has to appear before ED at its Jamnagar House office today.
— ANI (@ANI) March 14, 2019
दिसंबर 2018 में, प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के कार्यालयों पर छापे मारे थे, साथ ही वाड्रा के करीबी सहयोगी जगदीश शर्मा से संबंधित अन्य स्थानों पर भी।
ईडी के सूत्रों ने कथित तौर पर सूचित किया है कि छापे उन संदिग्धों पर डाले गए थे जिन्होंने कथित तौर पर रक्षा आपूर्तिकर्ताओं से रिश्वत के पैसे लिए थे।
ED Sources: ED has evidence that the persons being raided had received money in their bank accounts from defence suppliers. https://t.co/zbAZv59uqt
— ANI (@ANI) December 7, 2018
हालाँकि, पूछताछ के लिए ले जाने से पहले शर्मा ने कहा था कि यह रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ एक साजिश थी। रिपोर्ट्स ने जगदीश शर्मा को वाड्रा के करीबी सहयोगियों में से एक के रूप में उद्धृत किया था।
वास्तव में, शर्मा हमेशा रॉबर्ट वाड्रा के साथ अपनी निकटता के बारे में बहुत मुखर रहे हैं। 2012 में AAP सुप्रीमो, अरविंद केजरीवाल पर जूता फेंकने के बाद, शर्मा ने वाड्रा के ‘गोल्ड बडी’ होने की शेखी बघारी थी। इसी तरह, दिसंबर 2018 में, जगदीश शर्मा ने कहा था कि वह “वाड्रा साहब के चेले” हैं।
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय ने गाँधी परिवार के दामाद, रॉबर्ट वाड्रा पर उस मामले में भी कड़ी रोक लगा रखी है, जब लंदन में बेनामी संपत्ति खरीदने के आरोप में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए थे। लन्दन के 12-Bryanston Square पर 1.9 मिलियन पाउंड की कीमत की संपत्ति उनके पास है।
पिछले महीने, सीबीआई की एक विशेष अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े जाँच के मामले में स्टे देने से इनकार कर दिया था और उन्हें उन पर चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग जाँच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा था। इसी तरह, पिछले महीने के शुरू में, ED ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी M/s स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी (P) लिमिटेड को 4.62 करोड़ रुपए के मामले में अटैच किया था।
पिछले साल अप्रैल में ईडी ने वाड्रा के सहयोगी जय प्रकाश बगरवा की संपत्तियों को बीकानेर भूमि घोटाला मामले में संलग्न किया था। बीकानेर भूमि घोटाला मामले में, राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा कुछ रियल एस्टेट डेवलपर्स की मिलीभगत से गैर-मौजूद व्यक्तियों के नाम पर भूमि आवंटित की गई थी।
वाड्रा पर उनके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला भी दर्ज है, जहाँ उनकी फर्म स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने सस्ते में कोलायत और बीकानेर में जमीन खरीदी थी और उसी को अवैध रूप से ट्रांजेक्शन द्वारा बहुत ऊँचे दाम पर बेचा दिया था।
गाँधी-वाड्रा परिवार के आसपास के जाल हर गुजरते दिन के साथ और अधिक उलझते जा रहे हैं। एक खुलासे में, OpIndia ने हाल ही में संजय भंडारी से जुड़े संदिग्ध भूमि सौदों में गाँधी परिवार के गठजोड़ का भंडाफोड़ किया है, जो गाँधी-वाड्रा परिवार का करीबी सहयोगी हैं।