मालेगाँव ब्लास्ट में एक गवाह के पलटने के बाद कॉन्ग्रेस घिरती नजर आ रही है। RSS नेता इंद्रेश कुमार ने भगवा को आतंकवाद से जोड़ने के लिए कॉन्ग्रेस से माफी माँगने को कहा है। गवाह ने बताया था कि 2008 के इस ब्लास्ट में उत्तर प्रदेश के मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ समेत RSS के 4 नेताओं का नाम लेने को उसे मजबूर किया गया था।
इंद्रेश कुमार ने तत्कालीन संयुक्त प्रगितशील गठबंधन (UPA) सरकार पर भगवा के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने ‘भगवा’ के खिलाफ साजिश रची। इसे आतंकवाद से जोड़ा। धार्मिक नेताओं को बदनाम करने और लोगों को गिरफ्तार करने के लिए एजेंसी का दुरुपयोग करने का प्रयास किया। लेकिन वे बुरी तरह विफल रहे।”
Congress-led UPA (during 2008 Malegaon blast) conspired against ‘bhagwa’ (saffron)…linked it with terrorism. They attempted to misuse (probe) agency officers to arrest people so as to defame religious leaders, but failed miserably: RSS leader Indresh Kumar (28.12) https://t.co/iEkJLKpx67 pic.twitter.com/VuZD1mxnaC
— ANI (@ANI) December 28, 2021
उन्होंने कहा है कि इतनी बड़ी साजिश करने के लिए यूपीए को योगी आदित्यनाथ से माफी माँगनी चाहिए। कुमार ने कहा कि भगवा आतंकवाद कॉन्ग्रेस की गंदी राजनीति का हिस्सा था। कॉन्ग्रेस ने हिंदू आतंकवाद की थ्योरी को सत्य सिद्ध करने की साजिश रची, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाई।
गौरतलब है कि साल 2008 में महाराष्ट्र के मालेगाँव बम विस्फोट मामले में एक गवाह ने एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) पर प्रताड़ित करने और इस मामले में कुछ लोगों को फँसाने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था। गवाह ने मंगलवार (28 दिसंबर 2021) को विशेष NIA अदालत को बताया कि मामले की जाँच कर रही ATS ने उसे बहुत प्रताड़ित किया था।
गवाह ने कोर्ट को बताया कि ATS ने उसे भाजपा के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के अलावा RSS के इंद्रेश कुमार, देवधर, काकाजी और स्वामी असीमानंद का नाम लेने के लिए मजबूर किया था। हालाँकि, ये पहली बार नहीं है जब ATS की समक्ष बयान देने वाले गवाह अपने बयान से मुकरे हैं। इस नए गवाह को मिलाकर अब तक करीब 15 गवाहों ने अपने बयान बदले हैं।
उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगाँव में हुए बम ब्लास्ट के मामले में महाराष्ट्र ATS ने बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, समीर कुलकर्णी, अजय राहिलकर, रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी एवं सुधाकर चतुर्वेदी को आरोपी बनाया था।