Friday, November 15, 2024
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अजमल को साथ लेकर भी 1 पर सिमटी कॉन्ग्रेस, बोडोलैंड काउंसिल चुनाव में भी BJP को बड़ा फायदा

बीटीसी के चुनाव असम विधानसभा चुनावों के सेमीफाइनल माने जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कॉन्ग्रेस ने अजमल से हाथ मिलाया था। अजमल मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगलने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में यह बात भी सामने आई है कि एआईडीयूएफ द्वारा संचालित ‘अजमल फाउंडेशन’ को टेरर फंडिंग वाले विदेशी संगठनों से पैसा मिला है।

बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (BTC) के चुनावों में बीजेपी को बड़ी सफलता मिली है। उसने 12 सीटें जीतने वाली यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (UPPL) के साथ मिलकर बहुमत भी हासिल कर ली है। बदरुद्दीन अजमल की ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) से हाथ मिलाने के बावजूद कॉन्ग्रेस को केवल एक सीट मिली है। वहीं 17 साल से बीटीसी की सत्ता में बनी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) को 17 सीटों पर कामयाबी मिली है। हालाँकि सबसे बड़े दल के बावजूद वह सत्ता बचाने में असफल रही है।

बीटीसी के चुनाव असम विधानसभा चुनावों के सेमीफाइनल माने जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कॉन्ग्रेस ने अजमल से हाथ मिलाया था। अजमल मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगलने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में यह बात भी सामने आई है कि एआईडीयूएफ द्वारा संचालित ‘अजमल फाउंडेशन’ को टेरर फंडिंग वाले विदेशी संगठनों से पैसा मिला है।

BTC चुनावों में बीजेपी ने 40 में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की है। 2015 में हुए चुनाव में उसे केवल 1 सीट मिली थी। भाजपा को मिली जीत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “एनडीए ने असम बीटीसी चुनाव में बहुमत हासिल किया है। हमारे सहयोगी यूपीपीएल, सीएम सर्बानंद सोनोवाल, हिमंत बिस्वा सरमा, रणजीत कुमार दास और असम भाजपा को बधाई। मैं असम के लोगों को एक विकसित उत्तर-पूर्व के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प में उनके निरंतर विश्वास के लिए धन्यवाद देता हूँ।”

कॉन्ग्रेस की सहयोगी एआईयूडीएफ इस चुनाव में खाता खोलने में भी नाकाम रही। गण सुरक्षा पार्टी (GSP) को भी इस चुनाव में महज एक सीट ही मिली।

बता दें कि बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद में कुल 46 सीटें हैं। इनमें से 6 नामांकित होते हैं, जबकि 40 पर चुनाव होता है। इन 40 सीटों पर 7 और 10 दिसंबर को चुनाव हुए थे। इस साल की शुरुआत यानी फरवरी 2020 में बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह पहला चुनाव था।

पिछले 17 साल से बीटीसी पर शासन करने वाली बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट बहुमत के लिए जरूरी 21 सीटें इस बार जीतने में नाकाम रही है। उसे सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली है। 2015 में उसे 20 सीटें मिली थीं, जो इस बार तीन कम हैं।

पिछले चुनाव में बीपीएफ और बीजेपी के बीच गठबंधन था। लेकिन इस चुनाव में दोनों पार्टियाँ अलग-अलग चुनाव लड़ रही थीं और बीजेपी ने बीपीएफ को कड़ी टक्कर भी दी। इससे पहले, असम बीजेपी ने संकेत दिया था कि वह बीपीएफ के साथ 2021 के असम चुनावों में गठबंधन जारी रखना पसंद नहीं करेगी।

बीजेपी और यूपीपीएल ने औपचारिक तौर पर तो गठबंधन की घोषणा नहीं की है लेकिन दोनों ने ही स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर चुनाव परिणाम बाद गठबंधन के संकेत दिए थे। यूपीपीएल प्रमुख प्रमोद ब्रह्मा दो सीटों से जीते हैं।

उन्होंने शनिवार (दिसंबर 12, 202) देर रात बीटीसी चुनाव पर भाजपा मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और मंगलदोई के सांसद दिलीप सैकिया के साथ विचार-विमर्श किया। परिषद के गठन के संबंध में उनके निर्णय की घोषणा जल्द होने की संभावना है। सरमा ने बताया था कि इस संबंध में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ चर्चा के बाद निर्णय की घोषणा होगी।

गौरतलब है कि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल द्वारा संचालित ‘अजमल फाउंडेशन’ के खिलाफ असम के दिसपुर पुलिस स्टेशन में शुक्रवार (4 दिसंबर, 2020) को मामला दर्ज किया गया था। गुवाहाटी के सीपी एमएस गुप्ता ने बताया था कि यह मामला सत्य रंजन बोराह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद दायर किया गया था, जिसने एनजीओ पर विदेशी फंड प्राप्त करने और संदिग्ध गतिविधियों में इसका इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।

इसके अलावा असम सरकार की दो बच्चों की नीति पर बदरुद्दीन अजमल ने करारा हमला बोला था। अजमल का कहना था कि मुस्लिम बच्चे पैदा करते रहेंगे और वे किसी की नहीं सुनेंगे। अजमल ने कहा था, “मैं निजी तौर पर मानता हूँ और हमारा मजहब भी मानता है कि जो लोग दुनिया में आना चाहते हैं, उन्हें आना चाहिए और उन्हें कोई रोक नहीं सकता है।”

पिछले दिनों बदरुद्दीन अजमल पर निशाना साधते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि ‘अजमल की सेना’ के पुरुष अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर सोशल मीडिया पर लड़कियों से दोस्ती कर रहे हैं और फिर उनसे शादी कर रहे हैं। अगर अजमल की सेना हमारी महिलाओं को छूती है, तो उनके लिए एकमात्र सजा मौत की सजा होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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