कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने शुक्रवार को भारत-चीन विवाद को लेकर एक वीडियो ट्वीट किया। 3 मिनट की वीडियो में उन्होंने मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत को लेकर कई सवाल पूछे। इस दौरान उन्होंने विदेश नीतियों और देश की अर्थव्यव्स्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
राहुल के विदेश नीतियों से जुड़े इन्हीं सवालों का जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्विटर पर दिया है। उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर राहुल के हर संदेह पर प्रतिक्रिया दी है और समझाया कि आखिर वे इन सवालों को पूछते हुए कहाँ-कहाँ गलत हैं।
उन्होंने सबसे पहले ट्वीट में अन्य देशों के साथ समझौतों पर राहुल को जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “हमारे प्रमुख समझौते मजबूत और आंतरिक स्तर पर ऊँचे हुए हैं। इसका सबूत नियमित तौर पर यूएस, रूस, यूरोप और जापान से होने वाली अनौपचारिक मुलाकातें और शिखर वार्ताएँ हैं। इसके अलावा भारत ने चीन को भी राजनीतिक रूप से अपने साथ जोड़ा है। इस बारे में विश्लेषकों से पूछिए।”
.@RahulGandhi hs questions on Foreign Policy. Here are some answers:
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
•Our major partn’ships are strongr & internat’l standng higher.Witness regular summits&informal meetngs wth #US #Russia #Europe & #Japan.India engages #China on more equal terms politically.
Ask the analysts. https://t.co/GPf17JWSac
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, “अब हम CPEC, BRI, दक्षिण चीन सागर और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों पर अपने मन की बात अधिक खुलकर बोलते हैं। इसे मीडिया से पूछिए।”
अपने तीसरे ट्वीट में उन्होंने बॉर्डर के इंफ्रास्ट्रक्चर की पुरानी समस्या पर अपनी बात रखते हुए लिखा, “2014-20 और 2008 -14 में तुलना कीजिए। 280% तक बजट में बढोतरी, 32% सड़क निर्माण, 99% पुल और 6 सुरंगें का निर्माण। इस बारे में हमारे जवानों से पूछिए।”
And some facts on our #neighbourhood:
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
•The Hambantota Port agreement between #SriLanka and China was concluded in 2008.
Ask those who dealt with it.
पड़ोसी देशों के साथ सवाल उठाने पर भी एस जयशंकर ने राहुल गाँधी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने अपने ट्वीट में श्रीलंका और चीन के बीच हंबनटोटा बंदरगाह समझौता का उल्लेख करते हुए लिखा, “श्रीलंका और चीन के बीच हंबनटोटा बंदरगाह समझौता 2008 में संपन्न हुआ था। इस बारे में इससे निपटने वालों से पूछिए।”
मालदीव से संबंधों पर उन्होंने कहा, “साल 2012 में मालदीव पर राष्ट्रपति नाशीद के काबिज होने के बाद भारत के साथ उसके संबंध बिगड़ गए थे। लेकिन अब वह ठीक है। इस बारे में हमारे व्यावसाइयों से पूछिए।”
•Difficult ties with #Maldives, after India watched President Nasheed being toppled in 2012, now stand transformed.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
Ask our businesses.
इसके बाद बांग्लादेश पर उन्होंने लिखा “साल 2015 में बांग्लादेश के साथ एक भूमि सीमा निर्धारित की गई जो अधिक विकास और पारगमन के रास्ते खोलती है। अब आतंकी उसे अपना सुरक्षा ठिकाना नहीं मानते। ये हमारे सुरक्षाकर्मियों से पूछिए।”
•#Nepal after 17 years is getting Prime Ministerial visits. And a swathe of developmental projects: power, fuel, housing, hospital, roads, etc.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
Ask their citizens.
नेपाल के साथ संबंधों पर उन्होंने राहुल को बताया, “17 साल बाद नेपाल में प्रधानमंत्री का दौरा हुआ। वो भी बिजली, ईंधन, आवास, अस्पताल, सड़क आदि विकासात्मक परियोजनाओं के साथ। ये उनके नागरिकों से पूछिए।”
फिर भूटान पर वे कहते हैं, “भूटान को एक मजबूत और ताकतवर भागीदार मिला। 2013 के उलट अब वह अपनी रसोई में खाना बनाने के लिए रसोई गैस की चिंता नहीं करते। ये उनके घरवालों से पूछिए।”
•#Bhutan finds a stronger security and development partner. And unlike 2013, they don’t worry about their cooking gas.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
Ask their households.
इसी प्रकार मोदी सरकार के नेतृत्व में वे भारत के साथ अफगानिस्तान के संबंधों पर बताते हैं, “अफगान ने अपना (सलमा बांध) प्रोजेक्ट पूरा किया और अपना प्रशिक्षण और संयोजकता का विस्तार किया। इसे अफगान की सड़कों से पूछिए।”
•#Afghanistan sees completed projects (Salma Dam, Parliament), expanded training and serious connectivity.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
Ask the Afghan street.
इसके बाद विदेश मंत्री आखिरी ट्वीट में पाकिस्तान का जिक्र करते हैं और यूपीए काल में 26/11 पर, शर्म अल शेख और हवाना की घटनाओं पर मनमोहन सरकार की प्रतिक्रिया को, और बालाकोट व उरी के साथ तुलना करने की बात कहते हैं।
•And #Pakistan (that you skipped) surely notes the difference between Balakot & Uri on the one hand, and Sharm-el-Sheikh, Havana & 26/11 on the other.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
Ask yourself.
वे लिखते हैं, “और पाकिस्तान (जिसे आप भूल गए) उसने भी अब देख लिया होगा कि शर्म-अल-शेख, हवाना, 26/11 में और बालाकोट और उरी में क्या फर्क था। इसे अपने आपसे पूछिए।”