Sunday, November 17, 2024
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‘PM मोदी की मोरबी यात्रा में ₹30 करोड़ खर्च किए गए’: TMC प्रवक्ता साकेत गोखले ने फर्जी न्यूज क्लिपिंग से फैलाई फेक न्यूज, BJP ने रिपोर्ट को नकारा

तथाकथित रिपोर्ट में बताए गए 'आरटीआई कार्यकर्ता दीपक पटेल' के बारे में पूछताछ करने के लिए ऑपइंडिया की टीम ने मोरबी के कुछ निवासियों से भी बात की, लेकिन किसी ने ऐसे व्यक्ति के बारे में नहीं सुना। इसलिए, भाजपा का यह दावा कि यह मनगढ़ंत रिपोर्ट है, सच प्रतीत होता है।

पूर्व आरटीआई कार्यकर्ता और वर्तमान में तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता साकेत गोखले (TMC Leader Saket Gokhale) पर एक आरटीआई क्वेरी और उसके जवाब के बारे में एक मनगढ़ंत समाचार रिपोर्ट साझा करने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने दावा किया था कि पीएम मोदी की मोरबी यात्रा पर ₹30 करोड़ खर्च किए गए थे।

इसके लिए उन्होंने एक अनाम गुजराती समाचार पत्र की क्लिपिंग साझा किया था, जिसे गुजरात समाचार होने का दावा किया गया था। वहीं, बीजेपी ने कहा है कि यह मनगढ़ंत है और ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई है और ऐसा कोई आरटीआई नहीं आया था। वहीं, गुजरात समाचार ने भी कहा है कि उसने ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है।

टीएमसी के प्रवक्ता साकेत गोखले ने 1 दिसंबर 2022 को दावा किया कि पुल ढहने की त्रासदी के बाद गुजरात में पीएम मोदी की मोरबी यात्रा की व्यवस्था पर ₹30 करोड़ खर्च किए गए थे। गोखले ने ट्विटर पर एक गुजराती अखबार की क्लिपिंग पोस्ट की, जिसमें दावा किया गया कि एक आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि पीएम की मोरबी यात्रा के लिए सिर्फ कुछ घंटों के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

इस तथाकथित रिपोर्ट का हवाला देते हुए गोखले ने दावा किया कि ₹5.5 करोड़ विशुद्ध रूप से ‘स्वागत, कार्यक्रम प्रबंधन और फोटोग्राफी’ के लिए थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि ‘मोदी के इवेंट मैनेजमेंट और पीआर की लागत 135 लोगों के जीवन से अधिक है’, क्योंकि त्रासदी के 135 पीड़ितों के परिवारों में से प्रत्येक को ₹4 लाख की अनुग्रह राशि दी गई, जो कुल ₹5 करोड़ रुपए है।

इस खबर को पोस्ट करने वाले साकेत गोखले अकेले नहीं थे। उनसे पहले डैक्स पटेल नाम के एक ट्विटर यूजर ने कल यही क्लिपिंग पोस्ट की थी। कथित समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि यह खुलासा मोरबी जिला कलेक्टर के कार्यालय ने दीपक पटेल की आरटीआई अर्जी पर किया था। कथित खर्च का ब्रेकअप देते हुए रिपोर्ट में दावा किया गया कि ₹8 करोड़ अस्पताल की पेंटिंग, सफाई, नए बेड और वाटर कूलर पर खर्च किए गए, ₹11 करोड़ नई सड़कों के लिए, ₹3 करोड़ पीएम मोदी के स्वागत के लिए, ₹2.5 करोड़ पीएम की सुरक्षा में, ₹2 करोड़ इवेंट मैनेजमेंट के लिए और ₹50 लाख फोटोग्राफी के लिए खर्च किए गए।

इसके बाद कई ट्विटर यूजर ने इस क्लिप को साझा किया। हालाँकि, गुजरात भाजपा ने कहा है कि यह फेक न्यूज है और इस तरह की कोई आरटीआई दाखिल नहीं की गई और न ही किसी आरटीआई का ऐसा कोई जवाब दिया गया। गुजरात भाजपा ने ट्विटर पर पोस्ट किया कि नई क्लिपिंग मनगढ़ंत है और वास्तव में ऐसी कोई रिपोर्ट कहीं भी प्रकाशित नहीं हुई थी।

गुजरात भाजपा ने कहा, “टीएमसी झूठों की पार्टी है। यह @MamataOfficial से शुरू होकर आप जैसे नीचे के प्रवक्ताओं तक है।” इस ट्वीट में गुजरात भाजपा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी टैग किया है। वहीं, पश्चिम बंगाल बीजेपी ने भी कहा कि गोखले फर्जी खबरें फैला रहे हैं। ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है और न ही ऐसा कोई आरटीआई जवाब है।

कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी क्लिपिंग पर संदेह जताया और कहा कि यह फर्जी है। खास बात यह है कि ऑनलाइन सर्च करने पर ऐसी कोई गुजराती रिपोर्ट नहीं मिली। हालाँकि, कई क्षेत्रीय समाचार पत्रों की ऑनलाइन उपस्थिति नहीं होती है और कुछ केवल अपने मुद्रित पत्रों की फोटो को समाचार पत्रों के रूप में प्रकाशित करते हैं। इसलिए उन्हें ऑनलाइन खोजा नहीं जा सकता है। हालाँकि, गोखले द्वारा साझा की गई गुजराती समाचार क्लिपिंग में अखबार का नाम और रिपोर्ट की तारीख नहीं है, जिससे ‘रिपोर्ट’ का पता लगाना और उसे सत्यापित करना मुश्किल हो जाता है।

मूल रूप से इस क्लिपिंग को पोस्ट करने वाले डैक्स पटेल ने दावा किया है कि यह गुजरात समाचार की क्लिपिंग है। एक ट्विटर यूजर द्वारा अखबार का नाम और रिपोर्ट के लिंक के बारे में पूछने पर, डैक्स पटेल ने बिना किसी लिंक के सिर्फ ‘गुजरात समाचार’ कहकर जवाब दिया।

जैसा कि इस रिपोर्ट के लिए कोई लिंक नहीं दिया गया है, इसलिए ऑपइंडिया ने गुजरात समाचार वेबसाइट पर रिपोर्ट के बारे में पता लगाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिली। हमने पिछले हफ्ते के गुजरात समाचार अख़बार के ई-संस्करणों को पढ़ा, लेकिन अख़बार में ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं देखी गई।

उसके बाद ऑपइंडिया की टीम ने गुजरात समाचार के वेब विभाग से बात की कि क्या यह क्लिपिंग वास्तव में उनके अखबार की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके द्वारा ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि क्लिपिंग गुजरात समाचार की तरह दिखती है, लेकिन उन्होंने इसे प्रकाशित नहीं किया है।

उल्लेखनीय है कि क्लिपिंग का फ़ॉन्ट और लेआउट गुजरात समाचार के जैसा है, लेकिन ‘रिपोर्ट’ का प्रारूप वास्तविक रिपोर्ट से मेल नहीं खाता है। गुजरात समाचार हमेशा रिपोर्ट की शुरुआत में तारीख या दिन, शहर का नाम और रिपोर्ट के स्रोत को प्रिंट करता है। ये सारी चीजेें इस क्लिपिंग में नहीं हैं।

तथाकथित रिपोर्ट में बताए गए ‘आरटीआई कार्यकर्ता दीपक पटेल’ के बारे में पूछताछ करने के लिए ऑपइंडिया की टीम ने मोरबी के कुछ निवासियों से भी बात की, लेकिन किसी ने ऐसे व्यक्ति के बारे में नहीं सुना। इसलिए, भाजपा का यह दावा कि यह मनगढ़ंत रिपोर्ट है, सच प्रतीत होता है।

ऑपइंडिया ने मोरबी कलेक्टर कार्यालय और गुजरात विभाग के सूचना विभाग से संपर्क किया है और मामले के बारे में और जानकारी माँगी है कि क्या इस तरह का कोई आरटीआई जवाब जारी किया गया था। जवाब मिलने के बाद रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।

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Raju Das
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Corporate Dropout, Freelance Translator

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