समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी हिन्दू विरोधी घृणा को प्रदर्शित करने हुए फिर से बयान दिया है। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर भी विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने रविवार (21 मई, 2023) को तथागत बुद्ध जयंती के कार्यक्रम में ‘हिन्दू राष्ट्र’ को लेकर भी अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने दावा किया कि ‘साधु के वेश में आतंकी’ जब उनकी हत्या की बात कर रहे थे, तब योगी सरकार कानून व्यवस्था की दुहाई देते हुए शांत बैठी हुई थी।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “आज सत्ता पक्ष के एक नेता के द्वारा बयान दिया जा रहा है कि देश में हिंदुओं की संख्या घट रही है और मुस्लिमों की जनसंख्या बढ़ रही है। किस बात का हिंदू? हिंदू नीच होने के लिए? हिंदू आप की गुलामी करने के लिए? आज आप लोगों को हिंदुओं के चिंता सता रही है। आप लोगों ने हिंदुओं को पढ़ने लिखने से वंचित कर दिया था। हिंदू समाज के किसी भी नारी को आप लोगों ने पढ़ने लिखने का अधिकार नहीं दिया।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि ‘हम सब एक हैं’ की भावना अगर आप में होती तो भारत कभी गुलाम नहीं होता। उन्होंने बौद्ध और सिख धर्म के प्रादुर्भाव को भी हिन्दू विरोध से जोड़ने की कोशिश की। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि ‘हिन्दू राष्ट्र’ की माँग भारत विरोधी है। उन्होंने रामराज को हटाने की बात भी की। रामचरितमानस का अपमान करने के बाद हुई आलोचना को उन्होंने धमकी करार देते हुए आलोचकों को आतंकी बताया।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चाओं में रहते हैं। अब ग्राम विकास अधिकारियों की निकाली गई भर्ती पर टिप्पणी करते हुए कहा कि रामराज्य एक छलावा है, सरकार रामराज्य की दुहाई देकर आरक्षण को खत्म कर रही है।#SamajwadiParty #SwamiPrasadMaurya pic.twitter.com/L0x6T4joQJ
— UP Tak (@UPTakOfficial) May 19, 2023
वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर साधु-संतों ने भी मोर्चा खोल दिया है। उनके ‘आरक्षण हटाने की साजिश’ वाले प्रलाप पर भी उन्हें जवाब मिला है। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने पूछा कि स्वामी प्रसाद मौर्य हमेशा हिन्दू धर्म को निशाना क्यों बनाते हैं? उन्होंने कहा कि रामराज में भगवान श्रीराम ने सबको गले लगाया। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने स्वामी प्रसाद के बयान को राजनीतिक बताते हुए उन्हें मूर्ख और पागल करार दिया। साथ ही कहा कि उन्हें ज्ञान नहीं है।