सोशल मीडिया और टीवी न्यूज़, 2023 चैनलों पर I.N.D.I. गठबंधन के अघोषित प्रवक्ता संजय झा ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार (23 जुलाई, 2024) को पेश किए गए वार्षिक बजट को ‘मोदी सरकार का अंतिम बजट’ बताया है। खबर ये नहीं है, असली खबर तो ये है कि 2018, 2019 और 2023 में भी वो यही बात कह चुके हैं। हर साल वार्षिक बजट के बाद वो खुद को संतुष्ट करने के लिए ये बात बोलते हैं, फिर भी अगला बजट मोदी सरकार ही लेकर आती है।
संजय झा ने लिखा, “इस बजट के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि आशा है कि ये मोदी सरकार का आखिरी बजट है।” बता दें कि ये धारणा इस उम्मीद पर आधारित है कि सत्ता में साझीदार आंध्र प्रदेश की TDP या बिहार की JDU मोदी सरकार से समर्थन वापस ले लेगी और सरकार गिर जाएगी। हालाँकि, ये दोनों बार-बार दोहरा चुके हैं कि वो NDA में ही रहेंगे। इसी तरह संजय झा ने 2023 के वार्षिक बजट को उबाऊ बताया था और कहा था कि ये ‘विनाशकारी’ भाजपा को बाय-बाय कहने का समय है, इसे इनका अंतिम बजट रहने दीजिए।
तब उन्होंने उम्मीद थी कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार होगी, लेकिन पार्टी को 240 सीटें मिलीं। भाजपा के अलावा किसी अन्य दल को पिछली बार इससे अधिक सीटें 1991 में ही मिली थीं। इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पेश हुए बजट के दौरान भी उन्होंने उस चुनाव में भाजपा की हार की आशा के साथ इसे पार्टी का अंतिम बजट बनाया। हालाँकि, अकेले दम पर 303 सीटें लेकर भाजपा ने 2014 के प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया।
इसी तरह 2018 में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए बजट को उन्होंने भाजपा का अंतिम बजट बताया था। 2024 में वो इसे नकली बजट बताते हुए कह रहे हैं कि ‘असली’ वालों को वोट दीजिए। उनका इशारा आगामी विधानसभा चुनावों पर है। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। संजय झा उसी कॉन्ग्रेस के लिए बल्लेबाजी कर रहे हैं, जिसने उन्हें जुलाई 2020 में पार्टी से निकाल बाहर किया था।
Every Year you say the same thing pic.twitter.com/NG1PThjRVc
— Rishi Bagree (@rishibagree) July 24, 2024
राजस्थान के सचिन पायलट का समर्थन करने पर उन्हें अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगा कर उन्हें निलंबित किया गया था। सचिन पायलट तब उप-मुख्यमंत्री व कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे, उन्होंने तत्कालीन CM अशोक गहलोत के कारण बगावत की थी। हालाँकि, अंत में उन्हें तो मना लिया गया लेकिन संजय झा नहीं रहे, पार्टी में। संजय झा उसके बाद किसी पार्टी में नहीं गए, लेकिन मजबूरन टीवी न्यूज़ चैनलों पर विपक्ष का ही पक्ष रखते नज़र आते हैं।