भाजपा ने बिहार और राजस्थान में नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए हैं। बिहार में पश्चिम चम्पारण लोकसभा क्षेत्र से सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल को कमान दी गई है। वहीं राजस्थान में सतीश पूनिया यह ज़िम्मेदारी संभालेंगे। बिहार में नित्यानंद राय के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनने के बाद से ही नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के कयास लगाए जा रहे थे। राजस्थान में इसी साल जून में वयोवृद्ध नेता मदन लाल सैनी के निधन के बाद से पद खाली पड़ा था।
डॉक्टर संजय जायसवाल अपने पिता मदन जायसवाल की तरह ही लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। पश्चिम चम्पारण की राजनीति में जायसवाल परिवार पिछले 3 दशक से प्रभावी रहा है। संजय जायसवाल ने पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की और दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमडी की डिग्री ली। बिहार में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। संजय जायसवाल के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी अच्छे सम्बन्ध रहे हैं।
संजय जायसवाल को बिहार में बीजेपी का प्रदेश अध्य्क्ष नियुक्त किया गया pic.twitter.com/E5uwLj06N3
— दूरदर्शन न्यूज़ (@DDNewsHindi) September 14, 2019
वहीं, दूसरी तरह राजस्थान में भाजपा फ़िलहाल सत्ता से बाहर है। भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया 14 वर्षों तक संगठन में महामंत्री रहे हैं। इसके बाद उन्हें प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया था। संघ की पृष्ठभूमि से होने के कारण उनकी दावेदारी पहले से ही मजबूत थी। जाट समुदाय से आने वाले पूनिया अम्बेर से विधायक हैं। पूनिया को राजस्थान भाजपा संगठन में अभी तक निर्णायक भूमिका में रहीं वसुंधरा राजे के कैम्प का नहीं माना जाता है। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य में भाजपा का रुख क्या रहता है?
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @AmitShah जी ने श्री सतीश पूनिया जी को @BJP4Rajasthan का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया! बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं! @VasundharaBJP pic.twitter.com/h5jOmJg5Eh
— Sanjay Mayukh (@drsanjaymayukh) September 14, 2019
बिहार में संजय जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से यह लगता है कि भाजपा गठबंधन साधने के प्रयास में है। वहीं राजस्थान में गजेंद्र सिंह शेखावत को कैबिनेट मंत्री बनाने, ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष बनाने, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का कद बढ़ाने और सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से साफ़ ज़ाहिर है कि अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले की तरह निर्णायक की भूमिका में नहीं रह गई हैं।