Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिबिहार में गठबंधन तो राजस्थान में संगठन पर फोकस: BJP ने जायसवाल और पूनिया...

बिहार में गठबंधन तो राजस्थान में संगठन पर फोकस: BJP ने जायसवाल और पूनिया को दी कमान

डॉक्टर संजय जायसवाल अपने पिता मदन जायसवाल की तरह ही लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। पश्चिम चम्पारण की राजनीति में जायसवाल परिवार पिछले 3 दशक से प्रभावी रहा है। वहीं पूनिया संघ पृष्ठभूमि से आते हैं।

भाजपा ने बिहार और राजस्थान में नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए हैं। बिहार में पश्चिम चम्पारण लोकसभा क्षेत्र से सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल को कमान दी गई है। वहीं राजस्थान में सतीश पूनिया यह ज़िम्मेदारी संभालेंगे। बिहार में नित्यानंद राय के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनने के बाद से ही नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के कयास लगाए जा रहे थे। राजस्थान में इसी साल जून में वयोवृद्ध नेता मदन लाल सैनी के निधन के बाद से पद खाली पड़ा था।

डॉक्टर संजय जायसवाल अपने पिता मदन जायसवाल की तरह ही लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। पश्चिम चम्पारण की राजनीति में जायसवाल परिवार पिछले 3 दशक से प्रभावी रहा है। संजय जायसवाल ने पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की और दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमडी की डिग्री ली। बिहार में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। संजय जायसवाल के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी अच्छे सम्बन्ध रहे हैं।

वहीं, दूसरी तरह राजस्थान में भाजपा फ़िलहाल सत्ता से बाहर है। भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया 14 वर्षों तक संगठन में महामंत्री रहे हैं। इसके बाद उन्हें प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया था। संघ की पृष्ठभूमि से होने के कारण उनकी दावेदारी पहले से ही मजबूत थी। जाट समुदाय से आने वाले पूनिया अम्बेर से विधायक हैं। पूनिया को राजस्थान भाजपा संगठन में अभी तक निर्णायक भूमिका में रहीं वसुंधरा राजे के कैम्प का नहीं माना जाता है। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य में भाजपा का रुख क्या रहता है?

बिहार में संजय जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से यह लगता है कि भाजपा गठबंधन साधने के प्रयास में है। वहीं राजस्थान में गजेंद्र सिंह शेखावत को कैबिनेट मंत्री बनाने, ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष बनाने, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का कद बढ़ाने और सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से साफ़ ज़ाहिर है कि अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले की तरह निर्णायक की भूमिका में नहीं रह गई हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -