पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर से मोदी सरकार को धमकाया है। राजस्थान के अलवर जिले में आयोजित जाट समाज के एक कार्यक्रम में पहुँचे सत्यपाल मलिक ने कहा कि अगर मुझे बंद किया गया तो आग लग जाएगी। उन्होंने धमकाया कि आज हमारी सरकार 4 राज्यों में है, उन्होंने कहा कि जो कभी हमें घोड़ी पर भी नहीं बैठने देते थे, वो हमारी RAS लड़की को देख कर ‘खम्मा घणी’ कहते हैं। उन्होंने मृत्युभोज, घरवास और दहेज़ पर पैसे न खर्च करने की अपील भी की।
साथ ही उन्होंने बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने की अपील की। उन्होंने जातिवादी राजनीति करते हुए कहा कि राजस्थान में ‘हम’ इतनी संख्या में हैं फिर भी जाट मुख्यमंत्री नहीं बना सके। उन्होंने कहा कि जाट CM की हमारी माँग जारी रहेगी। पहलवान आंदोलन के मुड़े पर भी राजनीति खेलते हुए उन्होंने कहा कि पहलवान जब जीतते हैं तो उन्हें बहन-बेटी कहा जाता है और सम्मानित किया जाता है। उन्होंने मणिपुर हिंसा की बात करते हुए कहा कि देश जल रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका जा रहे हैं।
सत्यपाल मलिक ने धमकाया कि अगर राजस्थान में पहलवानों ने बैठक की तो केंद्र सरकार को नाक रगड़ कर माफ़ी माँगनी पड़ेगी। सत्यपाल मलिक ने इस दौरान न किसी पार्टी में जाने और न ही कोई चुनाव लड़ने का ऐलान किया, लेकिन कहा कि वो ‘अच्छे उम्मीदवारों’ के समर्थन में प्रचार करेंगे। उन्होंने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा में भाजपा की हार की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि अमेरिका में ऐसा क्या रखा है कि पीएम मोदी वहाँ जा रहे हैं, जबकि मणिपुर पर चुप हैं।
मैं किसी पार्टी में नहीं जाऊँगा, केवल अच्छे उम्मीदवारों का समर्थन करूँगा, गहलोत-पायलट को आपस में बैठकर झगड़ा सुलझा लेना चाहिए।
— Satyapal Malik 🇮🇳 (@SatyapalmalikG) June 18, 2023
राजस्थान में जाट CM नहीं बनने के पीछे जाट नेता ही ज़िम्मेदार है- #सत्यपाल_मलिक #SatyapalMalik pic.twitter.com/smSmF62EPu
सत्यपाल मलिक ने कहा कि मणिपुर में लोगों को मारा जा रहा है और घरों को जलाया जा रहा है, लेकिन पीएम मोदी एक बार भी वहाँ नहीं गए। उन्होंने कॉन्ग्रेस को अशोक गहलोत और सचिन पायलट का मुद्दा सुलझाने को कहा। वहीं भाजपा को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी वसुंधरा राजे को लेकर नहीं आएगी और उनके बिना कोई काम होगा भी नहीं। पूर्व राज्यपाल ने कहा कि MSP के मुद्दे को सरकार हल नहीं करना चाहती है, क्योंकि अडानी जैसे बड़े उद्योगपतियों को इससे नुकसान होगा।