राष्ट्रीय राजनीति से लगभग नदारद होते राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमों शरद पवार ख़बरों में बने रहने और अपनी पार्टी को बचाए रखने के लिए आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पर्याप्त सीटें सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस बीच पवार ने प्रधानमंत्री मोदी को घेरते हुए विवादित बयान दिया है।
दरअसल, शरद पवार ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा,
“लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी के ख़िलाफ़ गुस्से और तनातनी का माहौल था। लेकिन, सीआरपीएफ जवानों के ख़िलाफ़ पुलवामा हमले ने पूरे परिदृश्य को बदल दिया। अब, लोगों के दिमाग को केवल पुलवामा हमले जैसी स्थिति के साथ बदला जा सकता है।”
ANI की ख़बर के अनुसार, आगे बढ़ते हुए पवार ने कहा कि इस साल के फ़रवरी में हुआ पुलवामा हमला कहीं गुप्त रूप से योजनाबद्ध तो नहीं था। उन्होंने कहा, “मैंने रक्षा में काम किया है। मैंने उस समय कुछ अधिकारियों से बात की और संदेह जताया कि हमला जानबूझकर किया गया था या इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ था।”
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों के ख़िलाफ़ बालाकोट हवाई हमले ने मोदी सरकार की लोकप्रियता को बढ़ाया है। लेकिन मोदी की लोकप्रियता महाराष्ट्र में काम नहीं करेगी क्योंकि लोग फड़नवीस सरकार से संतुष्ट नहीं हैं।
पवार ने आगे कहा कि कॉन्ग्रेस और NCP एक साथ आए हैं और वे बहुजन विकास अगाड़ी और समाजवादी पार्टी को भी गठबंधन में शामिल करने की कोशिश करेंगे। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि अगर उन्हें लगता है कि लोग फडणवीस सरकार के ख़िलाफ़ हैं, तो उन्हें इसके ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने के लिए इन सभी दलों को एक साथ लाने की ज़रूरत क्यों महसूस हो रही है?
शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP और कॉन्ग्रेस दोनों ही अपने शक्तिशाली और प्रभावशाली नेताओं को खोते जा रहे हैं। कई मजबूत नेता जैसे कॉन्ग्रेस के सचिन अहीर, हर्षवर्धन पाटिल और कई NCP के दिग्गज नेता ख़ासतौर पर छत्रपति उदयनराजे भोंसले और नवी मुंबई के नेता संदीप नाइक हाल ही में बीजेपी में शामिल हो गए।
शरद पवार के हालिया बयान बेहद विवादास्पद, असंगत और अपमानजनक होने के अलावा एक अजीब से पैटर्न का अनुसरण करते हैं। जून में, उन्होंने दावा किया था कि हवाई हमले कश्मीर में हुए थे, न कि पाकिस्तान में।
मार्च में उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने ही पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हवाई हमले करने का सुझाव दिया था। उन्होंने यहाँ तक दावा किया था कि पीएम मोदी का इस फ़ैसले से कोई लेना-देना नहीं है। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि 1993 में मुंबई बम विस्फोटों के दौरान गृह मंत्री के रूप में शरद पवार ने 13वें विस्फोट की बात कही थी, केवल यह दिखाने के लिए कि समुदाय विशेष वाले भी पीड़ित थे। जबकि असलियत में केवल 12 विस्फोट हुए थे।
हाल ही में, NCP मुख्यालय में अल्पसंख्यकों के लिए एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, उन्होंने दावा किया था कि पाकिस्तान एक खुशहाल, मेहमाननवाज़ जगह है और यह बीजेपी सरकार है जो राजनीतिक लाभ के लिए इसके बारे में झूठ फैला रही है। 2019 चुनाव से पहले, उन्होंने दावा किया था कि मतदान केंद्रों के अंदर ईवीएम को आसपास के क्षेत्रों में टावर्स के माध्यम से ‘नियंत्रित‘ किया जा सकता है।