ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स को दिल्ली हवाई अड्डे से वापस भेजने के सरकार के फैसले के बाद विपक्ष के दो नेताओं में दो फाड़ देखने को मिला। एक ओर जहाँ कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने महिला सांसद के साथ हो रहे इस तरह के बर्ताव पर सवाल उठाए। तो वहीं पार्टी के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आज सरकार के इस फैसले का समर्थन करते हुए डेबी को पाकिस्तान का प्रॉक्सी (पक्षधर) बताया। साथ ही अपने ट्वीट में स्पष्ट कहा कि डेबी अब्राहम्स को पाकिस्तान और आईएसआई से संबंध रखने के लिए जाना जाता है।
मंगलवार की सुबह यानी आज कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार के फैसले को समर्थन दिया। उन्होंने लिखा, “भारत द्वारा डेबी अब्राहम का वापस भेजा जाना वास्तव में आवश्यक था क्योंकि वह केवल सांसद नहीं हैं बल्कि पाक की प्रॉक्सी भी हैं। उन्हें पाकिस्तान सरकार और आईएसआई के साथ संबंध रखने के लिए जाना जाता है। भारत की संप्रभुता पर हमला करने की कोशिश करने वाले हर प्रयास को नाकाम किया जाना चाहिए।”
जबकि, इससे पहले शशि थरूर सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जता चुके थे। उन्होंने सोमवार को ही सरकार का फैसला आने के बाद डेबी अब्राहम्स का ट्वीट रीट्वीट करते हुए सवाल किया था, “यदि कश्मीर में सब कुछ ठीक है तो क्या सरकार को आलोचकों को इस स्थिति का गवाह बनने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए ताकि वे अपने डर को दूर कर सकें? केवल राजदूतों के प्रतिनिधिमंडलों को घुमाने की बजाए क्या इस विषय पर संसदीय समूह की मुखिया को भेजा जाना फायदेमंद नहीं होता?”
कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि उन्हें लगता है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे लोगों को भारत में प्रवेश न देने से हमें एक संकीर्ण दिमाग और असहिष्णु वाला देश समझा जाएगा, जो हमारे देश के लिए सही नहीं है, हमारे देश में विविधता है। हमारे पास बाहर से आने वाले लोगों के नकारात्मक दृष्टिकोण को सहन करने की क्षमता है।
i find it ironic that some of the same people who applauded me for going to Britain as an Indian MP& telling them off about their colonial misbehaviour, are attacking me for wanting India to grant a British MP the same privilege! If we can dish it out, we shld be able to take it.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 17, 2020
इस ट्वीट के बाद जब लोग उन पर सवाल उठाने लगे तो उन्होंने इसे अपने लिए ये सब अनेपक्षित बताया। उन्होंने लिखा “मेरे लिए यह अनेपक्षित है क्योंकि यही लोग मुझको सराह रहे थे, जब मैं बतौर भारतीय सांसद ब्रिटेन गया था और ब्रिटिशों को उनके औपनिवेशिक दुर्व्यवहार से अवगत कराया था। आज ये लोग मुझ पर निशाना साध रहे हैं क्योंकि मैं चाहता हूँ कि एक ब्रिटिश सांसद को उसी तरह से सम्मान दिया जाए।”
The deportation of Debbie Abrahams by India was indeed necessary, as she is not just an MP, but a Pak proxy known for her clasp with e Pak govt and ISI. Every attempt that tries to attack India’s sovereignty must be thwarted.#Kashmir#DebbieAbrahams
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) February 18, 2020
गौरतलब है कि अब्राहम्स कश्मीर पर एक संसदीय समूह की अध्यक्षता करती हैं। जिन्हें सोमवार को भारत में प्रवेश की इजाजत न देते हुए नई दिल्ली हवाई अड्डे से बाहर नहीं आने दिया गया। इस पर सरकार ने कहा था उन्हें पहले ही सूचित कर दिया गया था कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। वहीं सांसद का कहना था कि उनके पास अक्तूबर 2020 तक के लिए वैध ई-वीजा है। लेकिन गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि उन्हें वीजा रद्द होने की जानकारी दी गई थी इसके बावजूद उन्होंने भारत आने का फैसला लिया।
बता दें कि डेबी अब्राहम ने भारत सरकार के फैसले के बाद आरोप लगाया कि उनके पास अक्टूबर 2020 तक का वीज़ा है, लेकिन कश्मीर में मानवाधिकार मामलों पर भारतीय सरकार की आलोचना करने के कारण एवं राजनीतिक टिप्पणियों की वजह से उनकी एंट्री पर रोक लगा दी गई।
Why did the Indian Government revoke my visa AFTER it was granted? Why didn’t they let me get a ‘visa on arrival’? Is it because I have been critical of the Indian Government on #Kashmir human rights issues? https://t.co/aNhvFpc10D
— Debbie Abrahams (@Debbie_abrahams) February 17, 2020