नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) को लेकर शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। पत्र में रिजवी ने माँग की है कि इस बिल में शिया समुदाय को भी शामिल किया जाए। रिजवी ने कहा है कि शिया लोगों पर तमाम देशों में जुल्म हो रहा है। उन्हें ज्यादती से बचाने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाना चाहिए।
पत्र में रिजवी ने कहा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान सहित सीरिया, सऊदी अरब और कीनिया जैसे देश जहाँ सुन्नी बहुमत में है और शिया अल्पसंख्यक हैं, वहाँ उनके साथ अमानवीय कृत्य किए जा रहे हैं। शिया होने की वजह से उनकी हत्याएँ की जा रही हैं।
Uttar Pradesh Shia Central Waqf Board chairman Wasim Rizvi (in file pic) has written to Union Home Minister Amit Shah, requesting the minister to include Shia community in #CitizenshipAmendmentBill2019. pic.twitter.com/2u0TKAl8m3
— ANI (@ANI) December 9, 2019
रिजवी ने कहा है कि शिया समाज का शोषण लगभग 1400 वर्षों से लगातार मुस्लिम बहुसंख्यक सुन्नी समाज द्वारा पूरी दुनिया में किया जा रहा है। यह आज भी जारी है। उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक में दूसरे मजहब के शिया वर्ग को भी शामिल करने की अपील अमित शाह से की है। रिजवी ने कहा है कि शिया समाज को जुल्म और ज्यदती से बचाने की दृष्टि से यह न्यायसंगत होगा।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार (दिसंबर 9, 2019) को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पेश किया। इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। समुदाय विशेष को इसमें शामिल नहीं किया गया है। बिल के जरिए 6दशक पुराने नागरिकता कानून में संशोधन की बात है।
इस विधेयक के विरोध में पूर्वोत्तर के राज्यों में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। कॉन्ग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दाल भी इसका विरोध कर रहे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि धर्म के आधार पर नागरिकता भारत के संविधान और उसकी तहजीब के खिलाफ है।
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