बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण अभिनीत फ़िल्म ‘छपाक’ तमाम विवादों के बीच अपने तय दिन यानी शुक्रवार (10 जनवरी) को सिनेमाघरों में रिलीज़ तो हो गई, लेकिन इससे जुड़ा विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस फ़िल्म के रिलीज़ होने से पहले अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने फ़िल्म के प्रमोशन का दाँव खेलते हुए मंगलवार (7 जनवरी) को JNU हिंसा में वामपंथी छात्रों से मिलकर एक विवाद को जन्म दे डाला था।
दरअसल, ऐसा करके दीपिका पादुकोण ने यह दिखा दिया था कि वो उन वामपंथी छात्रों के समर्थन में खड़ी थीं, जिन्होंने शीतकालीन सेमेस्टर के लिए पंजीकरण कराने वाले छात्रों के साथ न सिर्फ़ हिंसा की थी बल्कि सर्वर रूम पर क़ब्ज़ा कर पूरी पंजीकरण व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया था। इसके अलावा, उन्होंने वामपंथी गुंडों द्वारा पीटे गए असली पीड़ितों की बजाए आरोपित आइशी घोष और उनके दोस्तों से मुलाक़ात की थी।
यह बात कई लोगों की इतनी नागवार लगी कि उन्होंने फ़िल्म छपाक का बहिष्कार करने का आह्वान किया। फ़िल्म का बहिष्कार करने वाले लोगों की निंदा करते हुए भगवा से लिबरल विचारधारा में तब्दील हुई शिवसेना ने कहा कि इस तरह का कृत्य ‘तालिबानी मानसिकता का प्रतिबिंब’ है।
आज का इंटरनेट युग कभी कुछ न भूलता है और न नहीं भूलने देता है। सोशल मीडिया के यूज़र्स ने शिवसेना को तुरंत आड़े हाथों लिया और पार्टी को ठग करार दिया।
— Jatin Bansal (@jatinbansal) January 12, 2020
नवंबर, 2017 में, दीपिका पादुकोण अभिनीत फ़िल्म पद्मावत की रिलीज़ से पहले, शिवसैनिकों ने फ़िल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के पुतले जलाए थे और फ़िल्म पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की पुरज़ोर माँग की थी। वास्तव में, शिवसेना के ‘लिबरल’ बनने और कॉन्ग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाने के बावजूद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिसंबर, 2019 में महाराष्ट्र में एक कन्नड़ फ़िल्म की स्क्रीनिंग रोक दी। इससे पहले भी कई बार शिवसेना ने फ़िल्मों की रिलीज़िंग पर हिंसक विरोध किए। इनमें मणिरत्नम की बॉम्बे, करण जौहर की माई नेम इज़ खान, आमिर खान की पीके सहित अन्य फ़िल्में शामिल हैं।
सोशल मीडिया के यूज़र्स ने शिवसेना को उस दौर की भी याद दिलाई, जब उन्होंने सार्वजनिक सम्पत्ति को नष्ट किया था।
Pitch khodne wale yeh bol rahe hai ??♂
— Apurv gupta (@Apurvgu68761514) January 12, 2020
Taab toh taliban ke suruvaat karne wale tum log hi ho
अक्टूबर 1991 में, शिव सैनिकों ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलते हुए और उसे देश में खेलने से रोकने के लिए मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की पट्टी तक खोद डाली थी। बता दें कि शिवसेना ने ऐसा केवल एक बार नहीं बल्कि कई बार किया, जब उन्होंने महाराष्ट्र के अंदर क्रिकेट मैचों को रोकने की न सिर्फ़ कोशिश की बल्कि वो उन्हें रोकने में सफल भी रही।
Says who shaved a man’s head just for not liking his SM post.. hypocrites.. and what a fall of Thakrey legacy. And also says who once called to kick out all Gujaratis, Biharis and North Indians.. https://t.co/bBB5D1sojC pic.twitter.com/O8DRB6yoON
— निरव शुक्ला (@NiravShukla83) January 12, 2020
सोशल मीडिया के यूज़र्स ने शिवसेना को एक और घटना याद दिलाई कि कैसे उनके कार्यकर्ताओं ने हाल ही में एक उत्तर भारतीय का सिर जबरन मुँड़वा दिया था, क्योंकि उसने एक फेसबुक पोस्ट में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की आलोचना की थी। बाद में, शिवसेना के गुंडों ने एक फेसबुक पोस्ट में उद्धव ठाकरे को ‘नालायक’ कहने के लिए एक सरकारी कर्मचारी पर हमला किया था।
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