शिवसेना के तीन पदाधिकारियों को मुंबई पुलिस ने तीन साल पुराने एक मामले में नवी मुंबई से गिरफ्तार किया है। तीनों की गिरफ्तारी ऐसे समय में की गई है कि जब महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार में शिवसेना भी गठबंधन का एक प्रमुख हिस्सा है और साथ ही शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के सीएम हैं। दरअसल 2017 में कश्मीर घाटी में अमरनाथ मंदिर से लौट रहे हिंदू तीर्थयात्रियों पर आंतकी हमला किया गया था, जिसके बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन किए गए थे।
दरअसल, 10 जुलाई 2017 को, 60 तीर्थयात्रियों को लेकर एक बस जम्मू और कश्मीर से होते हुए अमरनाथ यात्रा से लौट रही थी। करीब 8:30 बजे जब बस अमरनाथ जिले के बटेंगू पहुँची तभी इस्लामी आतंकवादियों के एक समूह ने बस पर हमला कर दिया था और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी। इसमें आठ यात्रियों की मौत हो गई और कुछ अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद जैसे ही पता चला था कि आतंकवादी पाकिस्तानी थे, ऐसे ही देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
इसी के बाद भारत में अराजकता पैदा करने वाले नापाक तत्वों को पाकिस्तान के लगातार समर्थन मिलने के खिलाफ शिवसेना ने भी नवी मुंबई में विरोध प्रदर्शन किया था। वाशी में छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर शिव सैनिकों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तानी झंडे भी जलाए गए थे। उस समय, शिवसेना नेता विजय माने, समीर बागवान और गणपत शेलार के खिलाफ विरोध दर्ज करने पर एक शिकायत भी थाने में दर्ज की गई थी। इसके बाद आरोप है कि तीनों ने कथित तौर पर अदालत की सुनवाई में लगातार चूक की, जिसके बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया।
हालांकि, वाशी पुलिस ने गुरुवार को अचानक कार्रवाई शुरू कर दी और तीनों पदाधिकारियों को वाशी में उनके संबंधित आवास से गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब महाराष्ट्र राज्य में नगर निगम चुनावों से पहले एक बड़ी राजनीतिक कार्रवाई कर रहा है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिवसेना के पदाधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई का न्यायपालिका के साथ कम और राज्य में राजनीति के साथ अधिक संबंध है।