महाराष्ट्र में शिवसेना के दो गुट बँटने के बाद पार्टी का मुखपत्र ‘सामना’ उद्धव ठाकरे की ओर से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए जहर उगल रहा है। हाल में ‘सामना’ में प्रकाशित लेख में सीएम शिंदे को राक्षस कहा गया। इसमें लिखा गया कि ऐसा दानव 5 हजार सालों में भी नहीं देखा गया।
SHIVSENA MOUTHPIECE TARGETS CM SHINDE#ShivSena‘s mouthpiece has launched a scathing attack on #Maharashtra CM #EknathShinde, calling him a devil that hasn’t been seen in last 5,000 years. pic.twitter.com/f9BNWVVcEg
— Mirror Now (@MirrorNow) October 10, 2022
उद्धव के गुट ने मुख्यमंत्री शिंदे की तुलना उस अफजल से की जो एक मुगल था और जिसे छत्रपति शिवाजी को मारने के लिए भेजा गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुखपत्र में कहा गया कि शिंदे गुट ने बाला साहेब ठाकरे की विरासत पर धब्बा लगाया है। सीएम और उनके विधायकों की वजह से शिवसेना और मराठी लोग कमजोर हुए हैं। लेकिन पार्टी की लड़ाई इस तरह खत्म नहीं होगी। वह लोग उठेंगे और दुश्मनों को अपने पैरों पर झुकाएँगे।
बता दें कि शिवसेना के दो गुटों में बँटने के बाद चुनाव चिह्न को लेकर लड़ाई चल रही थी। विवाद था कि कौन सा गुट शिवसेना के चिह्न का इस्तेमाल करेगा। ऐसे में चिह्न को फ्रीज कर दिया गया और निर्वाचन आयोग ने दोनों धड़ों को उपलब्ध चिह्नों में से तीन चिह्न और तीन नाम चुनकर उन्हें 10 अक्टूबर को 1 बजे से पहले बताने को कहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ठाकरे गुट अब ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’ दूसरे विकल्प के तौर पर ‘शिवसेना उद्धव बाला साहेब ठाकरे’ और तीसरे विकल्प के तौर पर ‘शिवसेना प्रबोधन ठाकरे’ नाम से चुनावी मैदान में उतर सकता है।
ट्विटर हैंडल पर ठाकरे गुट का कब्जा
उल्लेखनीय है कि शिवसेना का आधिकारिक ट्विटर हैंडल फिलहाल उद्धव गुट ही प्रयोग कर रहा है। ‘@ShivSena’ नाम का ये हैंडल वेरिफाइड है, और इस पर लगभग 8.14 लाख फॉलोवर्स हैं। इस हैंडल की प्रोफ़ाइल फोटो में अभी भी तीर कमान का चित्र बना हुआ है और कवर पर उद्धव ठाकरे की फोटो लगी हुई है। 6 अक्टूबर 2022 को इस हैंडल से बाकायदा ट्वीट भी किया गया है जिसमें, किसी पर इशारा करते हुए आज के 50 हाथों वाला रावण बताया गया है।
परंपरेनुसार दसरा मेळाव्यानंतर रावण दहन झाले..पण यावेळचा रावण वेगळा होता. जसा काळ बदलतो तसा रावण ही बदललेला आहे. दहा डोक्याचा नाही तर 50 खोक्यांचा खोकासूर आहे, धोकासूर आहे. pic.twitter.com/LZVh9fIuGs
— ShivSena – शिवसेना (@ShivSena) October 6, 2022
बता दें कि शिवसेना को तीर-कमान का सिंबल अक्टूबर 1989 में मिला था। इस स पहले शिवसेना रेल इंजन, नारियल पेड़, कप-प्लेट, ढाल-तलवार और मशाल जैसे निशानों पर चुनाव लड़ चुकी है।