सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह गोले काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों (Non-Performing Employees) से निपटने के लिए एक नया तरीका लेकर आए हैं। जानकारी के मुताबिक सरकार इनके लिए नया विभाग बनाएगा। इनमें उन कर्मचारियों को शिफ्ट किया जाएगा, जो काम करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। इनमें डॉक्टर से लेकर इंजीनियर, लेखाकार और सामान्य कर्मचारी होंगे। यहाँ उनके पास करने के लिए काफी कम होगा और उन्हें सामान्य भत्तों से भी वंचित रखा जाएगा।
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह गोले इससे पहले भी काम के लिए देर से रिपोर्ट करने वाले या काम से परहेज करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की वकालत करते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सोमवार (4 अप्रैल 2022) को गंगटोक के सम्मान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में इस योजना के बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा, “हमारी योजना एक नया विभाग बनाने की है, जहाँ इंजीनियरों, लेखा अधिकारियों से लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव जैसे अधिकारियों का ट्रांसफर किया जाएगा, जो काम नहीं करते हैं और सार्वजनिक कार्यों में बाधा बनते हैं। उनके लिए कोई आधिकारिक वाहन नहीं होगा, केवल वेतन दिए जाएँगे। ऐसे कर्मचारी बाधाएँ पैदा करते हैं। उन्हें अलग रखने की आवश्यकता है ताकि अन्य कुशल कर्मचारी प्रोडक्टिव बन सकें।”
हालाँकि, गोले ने स्पष्ट किया कि सभी सरकारी कर्मचारी अपने काम में आलसी नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि 10 कर्मचारियों के समूह में से दो आलसी हो सकते हैं, जिनकी वजह से काम के विकास में रुकावट पैदा होती है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यदि किसी काम को एक दिन में पूरा करना हो तो उसे एक दिन में पूरा करना चाहिए। लेकिन वही काम महीनों तक खिंच जाता है, जिससे सिक्किम की ईमानदार जनता प्रभावित होती है। नौकरशाही का काम जनता के काम को आसान बनाना है न कि खुद बाधा बनना है।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब सीएम ने सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन न करने के रवैये पर नाराजगी व्यक्त की है। 2021 में, सरकारी कार्यालयों में देर से आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाया गया था। इनको ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया था। इसके बाद एक महीने तक सब कुछ ठीक रहा, अधिकारी समय पर ऑफिस आते रहे, लेकिन एक महीने के बाद इसका असर खत्म हो गया। जिसके बाद अब सिक्किम सरकार ने यह कदम उठाया है।