Saturday, November 9, 2024
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लोकसभा में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने वाले बिल का विपक्षी दलों ने किया विरोध, ओवैसी ने कहा- ’18 साल सहमति से सेक्स की उम्र’

स्मृति ईरानी ने इस विधेयक को लड़कियों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। कहा जो लोग सदन में उनकी सीट के आगे शोर-शराबा कर रहे हैं, वे एक तरह से महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास कर रहे हैं।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने विपक्षी सदस्यों के भारी विरोध के बीच मंगलवार (21 दिसंबर 2021) को लोकसभा में बाल विवाह निषेध संशोधन विधेयक, 2021 पेश किया। इसमें सभी धर्मों की लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर पुरुषों के बराबर 21 साल करने का प्रस्ताव है।

इसे पेश किए जाने का कॉन्ग्रेस, तृणमूल कॉन्ग्रेस, राकांपा, द्रमुक, एआईएमआईएम, शिवसेना, आरएसपी, बीजद जैसे दलों ने विरोध किया। विधेयक को व्यापक विचार विमर्श के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह विधेयक इंडियन क्रिश्चियन मैरिज एक्ट 1872, पारसी मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट 1936, मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एप्लिकेशन 1937, स्पेशल मैरिज एक्ट 1954, हिंदू मैरिज एक्ट 1955, फोरेन मैरिज एक्ट 1969 (The Foreign Marriage Act) के प्रावधानों में संशोधन करेगा।

कॉन्ग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार ने बिना किसी उचित परामर्श के जल्दबाजी में इस विधेयक को पेश किया। उन्होंने माँग की कि विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजा जाए। टीएमसी सांसद सौगत रॉय और आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने भी इसको लेकर आपत्ति जताई। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि यह विधेयक, “इच्छा के विरुद्ध, असंवैधानिक और अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है।” उन्होंने कहा कि विधेयक पर्सनल लॉ पर हमला है।

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है। अगर कोई 18 साल की उम्र में मतदान कर सकता है, तो कोई व्यक्ति शादी क्यों नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत 18 साल की उम्र सहमति से सेक्स की उम्र है। शादी की उम्र बढ़ाना अनुचित है।

बता दें कि स्मृति ईरानी ने इस विधेयक को लड़कियों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि जो लोग सदन में उनकी सीट के आगे शोर-शराबा कर रहे हैं, वे एक तरह से महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास कर रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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