केरल में वामपंथी नेता पिनराई विजयन मई 2016 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। इस साल हुए विधानसभा चुनावों में वे दोबारा जनादेश हासिल करने में कामयाब रहे। लेकिन इस बार उन्होंने अपनी पुरानी सरकार के सभी मंत्रियों को बदल दिया है।
वैसे टिकट बँटवारे में जिस तरह विजयन ने अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को तरजीह दी थी, उससे ही ही साफ़ हो गया था कि अब CPI(M) में ‘विजयन युग’ शुरू हो चुका है। लेकिन, सभी मंत्रियों को एक साथ किनारे किए जाने का अनुमान किसी ने नहीं लगाया था। नई कैबिनेट में विजयन ने अपने दामाद मुहम्मद रियास सहित 11 मंत्री बनाए हैं। सारे चेहरे नए हैं।
पिछले मंत्रिमंडल के एक भी सदस्य को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अबकी जगह नहीं दी है। उन्हें न सिर्फ मुख्यमंत्री, बल्कि पार्टी के संसदीय दल का नेता भी चुना गया। CPI(M) के प्रवक्ता एएन शमशीर ने कहा कि केरल का न्य मंत्रिमंडल युवाओं और वरिष्ठों के मेल से बना है। इससे पहले केरल की वामपंथी पार्टियों में वीएस अच्युतानंदन का सिक्का चला करता था। कोरोना से हुई तबाही, सोना तस्करी और सबरीमाला पर श्रद्धालुओं के आक्रोश के बावजूद विजयन सत्ता में वापसी करने में सफल रहे।
सबसे बड़ी बात तो ये है कि पिछली सरकार में केरल की स्वास्थ्य मंत्री रहीं केके शैलजा को भी इस बार कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। मीडिया के वामपंथी वर्ग ने चुनाव के दौरान जम कर उनका इंटरव्यू लिया था और उनकी तारीफों के पुल बाँधे थे। यहाँ तक कि केंद्र सरकार को भी कोरोना से निपटने के ‘केरल मॉडल’ अपनाने की सलाह दी गई थी। हालाँकि कुछ दिनों बाद ही इस मॉडल का जनाजा निकल गया था। 3,62,313 सक्रिय संक्रमितों के साथ केरल इस मामले में तीसरे स्थान पर बना हुआ है।
निपाह वायरस से निपटने का श्रेय भी वामपंथी मीडिया ने केके शैलजा को ही दिया था। सवाल ये है कि अगर वो इतनी ही कार्यकुशल थीं तो उनकी ही पार्टी की सरकार उनकी सेवा क्यों नहीं लेना चाहती? CPI(M) ने ये कह कर बचाव किया है कि टीम को पूरी तरह बदल देना उसकी नीति रही है लेकिन विजयन के फिर से मुख्यमंत्री बनने को लेकर उसके पास कोई जवाब नहीं। केरल में अधिकतम 21 मंत्री हो सकते हैं।
Only the CM will be there (from the previous Kerala cabinet), rest 11 ministers are new. It is a blend of youngsters and the old: AN Shamseer, CPI(M) leader on the new Kerala cabinet that will be sworn in on May 20th pic.twitter.com/Uq7peoRJIW
— ANI (@ANI) May 18, 2021
77 वर्षीय मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अपने कैबिनेट में दामाद पीए मुहम्मद रियास को भी जगह दी है, जो CPI(M) के यूथ विंग ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। 44 वर्षीय रियास को वामपंथियों के गढ़ कोझिकोड के बेपोर से टिकट दिया गया था। इससे पहले 2009 में वो इसी इलाके से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। जून 15, 2020 को 44 वर्षीय मुहम्मद रियास ने विजयन की बेटी वीणा से शादी रचाई थी।
केरल की प्रमुख सत्ताधारी पार्टी ने कहा है कि किस मंत्री को कौन सा विभाग मिलेगा, ये मुख्यमंत्री ही तय करेंगे। कहा जा रहा है कि कैबिनेट के सभी नाम भी विजयन ने ही तय किए हैं। LDF गठबंधन में CPI व अन्य छोटे दल भी हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में शेयर मिला। इस चुनाव में वरिष्ठ वामपंथी नेताओं ईपी जयराजन, एके बालन, थॉमस इस्साक और जी सुधाकरन को किनारे कर उनका टिकट काट दिया गया था, जिससे विजयन के एकछत्र शासन का रास्ता साफ़ हुआ।