मंगलवार (अप्रैल 2, 2019) को कॉन्ग्रेस पार्टी का घोषणापत्र जारी किया गया। इस घोषणापत्र को पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा तैयार किया गया है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि घोषणापत्र तैयार करने से पहले समाज के विभिन्न वर्गों से बातचीत की गई व देश के अलग-अलग हिस्से के लोगों से राय ली गई। हालाँकि, कॉन्ग्रेस घोषणापत्र में भारतीय सुरक्षा बलों पर लगाए गए गंभीर आरोपों के कारण पार्टी को अच्छी-ख़ासी आलोचना का सामना करना पड़ा। अपने घोषणापत्र के माध्यम से कॉन्ग्रेस ने भारतीय सेना पर घाटी में यौन हिंसा जैसे जघन्य अपराधों का आरोप लगाकर, अलगाववादियों के सुर-में-सुर मिलाने की घोषणा कर दी है।
उधर यूपीए अध्यक्षा सोनिया गाँधी अपनी पार्टी के घोषणापत्र के एक बात से ख़ासी नाराज़ बताई जा रही हैं। अमर उजाला में प्रकाशित ख़बर के अनुसार, नाराज़ सोनिया ने न सिर्फ़ घोषणापत्र तैयार करने वाली समिति के सदस्य राजीव गौड़ा को फटकार लगाई बल्कि पी चिदंबरम से भी बात करके अपनी आपत्ति दर्ज कराई। ख़बर में कहा गया है कि सोनिया गाँधी कॉन्ग्रेस घोषणापत्र के कवर पेज पर अपने बेटे राहुल गाँधी के छोटे चित्र को लेकर नाख़ुश हैं। उन्होंने पार्टी नेताओं से पूछा कि राहुल की फोटो कवर पेज पर बड़ी क्यों नहीं रखी गई?
सोनिया गाँधी ने राजीव गौड़ा को जमकर डाँट पिलाई। आजतक के अनुसार, पार्टी सूत्रों की मानें तो सोनिया की आपत्ति का कारण निम्नलिखित तीन चीजों को बताया जा रहा है:
- कॉन्ग्रेस के घोषणापत्र का कवर पेज आकर्षक नहीं है।
- राहुल गाँधी की तस्वीर छोटी रखी गई है।
- कवर पेज पर महात्मा गाँधी की कोई फोटो नहीं है।
बता दें कि कॉन्ग्रेस के घोषणापत्र में कई कोरी बातें कही गई हैं, जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी पार्टी द्वारा अनाप-शनाप बका गया है। शायद इसीलिए इस बार आलोचकों को पहले ही चुप कराने के लिए राहुल गाँधी ने कह दिया कि उनके घोषणापत्र में झूठ के लिए कोई जगह नहीं है। असुरक्षा की भावना से घिरे राहुल गाँधी ने पहले ही इसका जिक्र कर दिया, क्योंकि उन्हें पता था कि उनके झूठ को पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रोज बड़ी संख्या में झूठ बोलने का आरोप लगाया।
अब कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है#LokSabhaElections2019https://t.co/SLvYVnQRQ0
— आज तक (@aajtak) April 3, 2019
कॉन्ग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सेना को बदनाम करने, जवानों पर आरोप लगाने के लिए अलगाववादी सुर अपना लिया, लेकिन कश्मीरी पंडितों के निष्काषन और उन पर अत्याचार के रूप में हुए एक ऐतिहासिक बर्बरता को ठीक करने के बारे में बात नहीं की है। कॉन्ग्रेस को याद होगा कि किस तरह घाटी के मुस्लिम चरमपंथियों ने हिंदुओं का नरसंहार किया था, यह घोषणा पत्र अपने आप में कॉन्ग्रेस के कश्मीर के प्रति छिपे मंसूबों का खतरनाक दस्तावेज है।