भाजपा नेताओं ने जब से अपने नाम के आगे चौकीदार लगाना शुरू किया है, तब से इस शब्द के चर्चे चारों तरफ हैं। ट्विटर पर ख़ासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने नाम में चौकीदार लगाने के बाद लाखों भाजपा समर्थकों ने सोशल मीडिया पर अपने नाम में चौकीदार शब्द जोड़ लिया। लेकिन ख़बरों के मुताबिक, असली चौकीदारी तो सपा और बसपा के कार्यकर्ता कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सातवें और अंतिम चरण के मतदान के बाद चुनाव संपन्न हुए। उसके बाद ईवीएम को वज्रगृहों (Strongrooms) में रखा जाता है। ईवीएम बदलने से लेकर उसमें छेड़छाड़ करने तक की कई अफवाहों के बाद यूपी महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने चौकीदार का काम अपने ज़िम्मे ले लिया है और वे ईवीएम वज्रगृहों के आसपास मंडरा रहे हैं।
वज्रगृहों के आसपास सपा-बसपा कार्यकर्तागण टेंट बना कर पहरेदारी कर रहे हैं। उनके पास दूरबीन भी है, जिससे वह वहाँ आने-जाने वालों पर दूर से ही नज़र रख रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, मेरठ में ऐसे ही एक वज्रगृह के पास तनाव का माहौल है। यहाँ दो टेंट बनाए गए हैं और सपा-बसपा समर्थक 8-8 घंटे की तीन शिफ्ट बना कर वज्रगृह की चौकीदारी का ज़िम्मा संभाल रहे हैं (आधिकारिक या सरकारी तौर पर नहीं)। उन्हें डर है कि ईवीएम को बदला जा सकता है और इनमें गड़बड़ियाँ की जा सकती हैं, इसीलिए ये चौकन्ने हैं।
SP-BSP Men Are Now EVM ‘Chowkidars’
— Tv9 Kannada (@tv9kannada) May 22, 2019
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ಚೌಕೀದಾರ್ ಗಳಾದ ಎಸ್ಪಿ-ಬಿಎಸ್ಪಿ ಕಾರ್ಯಕರ್ತರು- ಬೈನಾಕಿಲರ್ ಹಿಡಿದು ಟ್ಟ್ರಾಂಗ್ ರೂಮ್ ಕಾವಲಿಗೆ ನಿಂತ ಪಡೆ- ಇವಿಎಂ ತಿರುಚೋ ಭೀತಿಯಲ್ಲಿ ತೀವ್ರ ನಿಗಾ#Chowkidar #SP #BSP #LokSabhaElections2019 #EVMStrongRoom #Tv9Kannada pic.twitter.com/XSOkswe0Ns
बसपा जिलाध्यक्ष सुभाष प्रधान ने TOI को बताया कि उन्होंने 11 अप्रैल को पोलिंग ख़त्म होने के कुछ ही घंटों बाद वहाँ टेंट स्थापित किया और तभी से वे निगरानी पर लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि निगरानी दल के मुख्य समूह में महागठबंधन में शामिल तीनों दलों (सपा, बसपा, रालोद) के 18 कार्यकर्ता शामिल हैं। उन्हें पास दिया गया है, जिसके कारण वे ईवीएम वज्रगृह के पास लगे बैरिकेड्स के पास जा सकते हैं। टेंट्स के भीतर बैठने व आराम करने के लिए गद्दियाँ रखी गई हैं। गर्मी के कारण कूलर भी लगाया गया है। टेंट में चुनाव को लेकर लगातार चर्चाएँ चल रही हैं।
अव्वल तो यह कि इन्होंने सीसीटीवी भी लगा रखे हैं। एक अतिरिक्त टेंट में मॉनिटर स्क्रीन लगाया गया है, जिसमें सीसीटीवी फुटेज पर लगातार नज़र रखी जा रही है और हर आने-जाने वालों पर गौर किया जा रहा है। अगर उन्हें आसपास कुछ भी ‘संदिग्ध’ दिखता है तो वे स्थानीय सीनियर पार्टी नेताओं को सूचित करते हैं, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों से शिकायत की जाती है। नाइट विजन टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर के रात में भी आसपास की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है। ये टेंट्स ईवीएम वज्रगृहों से 200 मीटर की दूरी पर हैं, इसीलिए दूरबीन का प्रयोग किया जा रहा है।
Meerut: Supporters of BSP-SP-RLD alliance candidate Yakoob Qureshi camp outside a EVM strong room. #LokSabhaEelctions2019 pic.twitter.com/WQIIUbvxrU
— ANI UP (@ANINewsUP) May 21, 2019
पिछले कुछ दिनों में ईवीएम को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। लोग ईवीएम से भरी गाड़ियों के वीडियो पोस्ट कर दावा कर रहे हैं कि भाजपा ईवीएम बदल रही है। हालाँकि, चुनाव आयोग ने ऐसे सभी आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि ईवीएम को लेकर सारी जानकारियाँ प्रत्याशियों को पहले ही दे दी जाती हैं, अतः ये संभव नहीं है।