उत्तर प्रदेश के संभल में मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ के सभा स्थल और हैलीपैड को गंगाजल से शुद्धिकरण करने के मामले में पुलिस ने सपा नेता भावेश यादव को गिरफ्तार किया है। आरोपित समाजवादी पार्टी (सपा) के सहयोगी संगठन समाजवादी युवजन सभा का नेता बताया जा रहा है। हालाँकि इस मामले में यूपी पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी ने संभल के कैला देवी स्थल में 21 सितंबर, 2021 को एक जनसभा को संबोधित किया था। साथ ही उन्होंने 275 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया था। समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश सचिव भावेश यादव ने बुधवार (22 सितम्बर, 2021) को अपने कुछ दूसरे कार्यकर्ताओं के साथ कैला देवी के सभास्थल, हेलीपैड और मंच स्थल सहित पूरे मैदान का गंगा जल से शुद्धिकरण किया। उसी दिन देर शाम इसका वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद यूपी पुलिस ने बहजोई थाने में सपा नेता भावेश यादव और आठ-दस अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया।
बता दें कि बुधवार को समाजवादी छात्रसभा के विधानसभा अध्यक्ष हरवीर यादव, समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश सचिव भावेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता कैला देवी में उस जगह पर पहुँचे जहाँ मंगलवार को CM योगी की जनसभा हुई थी। सपाइयों ने पूरे जनसभा स्थल से हैलीपैड तक गंगाजल छिड़का। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है सपाइयों ने इसके बाद शुद्धिकरण के फोटो व वीडियो वायरल कर दिया। यही नहीं बल्कि अपने बयान में इन सपाइयों ने कहना था कि मुख्यमंत्री ने पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ छल व नौकरियों में पक्षपात किया है। इसके कारण जनसभा स्थल अशुद्ध हो गया था, इसलिए शुद्धिकरण किया गया।
वहीं सपा नेता भावेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी देवी-देवताओं में भेदभाव करते हैं। योगी कैला देवी आए थे मगर उन्होंने माँ कैला देवी के दर्शन नहीं किए जिससे देवी का अपमान हुआ है। इसीलिए उन्होंने पूरे जनसभा स्थल और हेलीपैड का गंगा जल से शुद्ध किया है। उन्होंने कहा कि उनका प्रण है कि जहाँ-जहाँ योगी के चरण पड़ेंगे, उस जगह को गंगा जल से शुद्ध किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने गुरुवार (23 सितम्बर, 2021) को बताया कि इस मामले में बुधवार देर रात को मुख्य आरोपित भावेश यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति ने इस मामले में तहरीर दी थी। इसी आधार पर केस दर्ज किया गया। इसमें कहा गया है कि सपा कार्यकर्ताओं के इस काम से सीएम योगी के प्रशसंकों में है काफी रोष, जिससे शांति भंग होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं वायरल वीडियो में राजू यादव, अशोक कुमार, चेतेन्द्र सिंह, गिरिराज सिह, सत्यवीर, उमेश, नरेश, संजीव यादव, नितिन यादव, वीरेश कुमार, हरीश कुमार आदि सपा नेताओं की पहचान हो चुकी है। जिनपर पुलिस की कार्रवाई की संभावना जताई जा रही।
इससे पहले इसी साल मई के महीने में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सैफई दौरे के बाद हेलीकॉप्टर उतरने के स्थल पर गंगाजल से समाजवादी के पार्टी के कार्यकर्ताओं ने स्वच्छ किया था, जिसके बाद अयोध्या के संतो ने इस खबर को संज्ञान में लेकर अपना विरोध दर्ज कराया था। संतों ने कहा था कि यह गंगाजल और संत समाज दोनों का अपमान है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संतो ने गुंडों तथा ऊँची मानसिकता का शिकार बताया था। संत समिति ने सपाई कार्यकर्ताओं-नेताओं की इस हरकत का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करते समय गंगाजल के छिड़काव की प्रक्रिया है। जबकि अखिलेश यादव को यह नहीं मालूम कि यह संत की प्रवृत्ति होती है।