डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने एक प्रश्न-पत्र को लेकर न सिर्फ़ केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय बल्कि सीबीएसई और केंद्रीय विद्यालयों पर भी निशाना साधा। एमके स्टालिन ने एक प्रश्न-पत्र का फोटो ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि यह प्रश्न-पत्र केंद्रीय विद्यालय की छठी कक्षा की परीक्षा का है। इसमें पूछा गया था कि दलित का अर्थ क्या है? इस प्रश्न के उत्तर में 4 विकल्प इस प्रकार दिए गए थे- विदेशी, अछूत, मिडिल क्लास, अपर क्लास। स्टालिन ने आरोप लगाया कि यह प्रश्न-पत्र साम्प्रदायिकता और भेदभाव को बढ़ावा दे रहा है।
Shocked and appalled to see that a Class 6 Kendriya Vidyalaya exam contains questions that propagate caste discrimination and communal division.
— M.K.Stalin (@mkstalin) September 7, 2019
Those who are responsible for drafting this Question Paper must be prosecuted under appropriate provisions of law.@HRDMinistry pic.twitter.com/kddu8jdbN7
अब सीबीएसई ने इस सम्बन्ध में स्पष्टीकरण जारी किया है। बोर्ड की प्रवक्ता रमा शर्मा ने साफ़ कर दिया कि स्टालिन ने जिस प्रश्न-पत्र का फोटो ट्वीट किया है, उसे बोर्ड द्वारा नहीं सेट किया गया है। सीबीएसई ने कहा कि वह निचली कक्षा की परीक्षाओं के लिए प्रश्न-पत्र नहीं तैयार करता है और यह पूरी तरह से स्कूल की ही ज़िम्मेदारी होती है। डीएमके प्रमुख ने दावा किया कि इस प्रश्न-पत्र में मुस्लिमों के लिए भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने भी स्टालिन के दावों की पोल खोल दी है। केवीएस ने कहा कि स्टालिन ने जिस प्रश्न-पत्र को केंद्रीय विद्यालय का बता कर ट्वीट किया, वह फ़र्ज़ी है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस फ़र्ज़ी प्रश्न-पत्र को शेयर कर के आगे न बढ़ाएँ। सीबीएसई और केवीएस के बयान के बाद लगता है कि स्टालिन ने किसी छोटे-मोटे स्कूल का प्रश्न-पत्र ट्वीट किया या फिर इसे जान-बूझकर किसी शरारती तत्व ने फैलाया था।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा कि अभी तक किसी भी प्रकार का ऐसा सबूत भी नहीं पेश किया गया है, जिससे पता चले कि यह प्रश्न-पत्र केंद्रीय विद्यालय का है। तमिलनाडु के विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि यह तमिलनाडु या पुडुचेरी के किसी केंद्रीय विद्यालय का है। केंद्रीय विद्यालय ने चेन्नई क्षेत्र के अपने सभी 49 स्कूलों में पता किया लेकिन यह प्रश्न-पत्र उनमें से कहीं का नहीं है।