भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) मोदी सरकार के कट्टर आलोचक हैं और आए दिन वो सरकार के कार्यों पर सवाल उठाते रहते हैं। इसको लेकर उनकी किरकिरी भी होती रहती है। अब स्वामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Bipin rawat) के हेलीकॉप्टर क्रैश मामले में साजिश की आशंका व्यक्त की है। सरकार ने सीडीएस रावत की मौत की जाँच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की है, लेकिन भाजपा सांसद चाहते हैं कि इस मामले की जाँच सरकार या उसकी एजेंसियों के बजाय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश करें।
दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में स्वामी ने कहा, “मैं इस मामले में सवाल खड़ा नहीं कर रहा हूँ। मेरा कहना है कि सेना के एक बड़े अधिकारी की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हुई है, वो भी अपने देश में। वो एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे और उसका पायलट भी मिलिट्री से ही था। इसलिए मिलिट्री पर कोई दबाव नहीं आना चाहिए।”
स्वामी को आशंका है कि सेना पर दबाव बनाकर कहीं तथ्यों को दबा न दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले की जाँच ऐसे व्यक्ति से करवानी चाहिए, जो न तो सेना से हो और न ही सरकार से। उनकी नजर मेें वो सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ही हो सकते हैं। अपनी बातों को बल देने के लिए स्वामी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की हत्या के मामले का उदाहरण दिया और कहा कि कैनेडी की हत्या के बाद उनकी मौत की जाँच का जिम्मा अमेरिका के चीफ जस्टिस को दिया गया था।
Doubts about how CDC, his wife, and several senior military officers died is bound arise. Hence Govt must head the Govt inquiry by an outsider such as a SC judge
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 9, 2021
भाजपा सांसद का कहना है कि जनता सच जानना चाहती है और इसके लिए इंतजार कर रही है। उन्होंने सरकार द्वारा गठित जाँच कमेटी पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि कमेटी की रिपोर्ट अगर जनता स्वीकार कर लेती है तो फिर उनके बोलने का कोई मतलब नहीं रहेगा।
चीनी कब्जे पर झूठ बोल देश को स्वामी ने किया गुमराह
मोदी सरकार के कैबिनेट में जगह नहीं मिलने की नाराजगी के कारण स्वामी आए दिन मोदी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करते रहते हैं। वो अपने भ्रामक ट्वीट के जरिए देश को गुमराह करते हैं। इसी कड़ी में हाल ही में उन्होंने हाल ही में ट्विटर पर अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ को लेकर झूठ फैलाया था। उन्होंने दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश में चीन मैकमोहन रेखा को पार कर चुका है। उसने राज्य में तीन जगहों पर घुसपैठ किया है। इस दौरान स्वामी ने अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाओ का संदर्भ दिया था।
हालाँकि, तापिर गाओ ने स्वामी के झूठ का पर्दाफाश करते हुए कहा था, “मैं सुब्रमण्यम स्वामी से संसद के सेंट्रल हाल में 2 दिसंबर को 10:35 बजे मिला। तब उन्होंने मुझसे चीनी घुसपैठ के बारे में पूछा। मैंने उन्हें बताया कि 1962 में चीन ने दो से तीन जगहों पर कब्जा कर लिया था। तब कॉन्ग्रेस का शासन था, लेकिन कोई ताजा घुसपैठ नहीं हुई है। मोदी सरकार के बाद से चीन ने किसी स्थान पर कब्जा नहीं किया है। दुर्भाग्य से उन्होंने मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया।” गाओ ने स्वामी पर उनकी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया था।