समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने दिवंगत मुलायम सिंह यादव के दोनों बेटों प्रतीक और अखिलेश के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में आगे सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने बताया कि साल 2013 में CBI जिस मामले को बंद कर चुकी है, उसमें अब रिपोर्ट मँगाने की जरूरत नहीं है। सोमवार (13 मार्च, 2023) को इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने यह टिप्पणी की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले के याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी हैं। याचिका में आरोप लगाया गया था कि आय से अधिक संपत्ति मामले में मुलायम परिवार के खिलाफ CBI ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की थी। याचिकाकर्ता ने साल 2007 के कोर्ट के आदेश का हवाला दिया, जिसमें अखिलेश और प्रतीक यादव की आय से अधिक संपत्ति की जाँच के आदेश दिए गए थे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने CBI की साल 2013 की प्रारम्भिक जाँच रिपोर्ट का हवाला दिया। इस रिपोर्ट में मामले को बंद करने की संस्तुति की गई थी।
इस मामले में मुलायम सिंह यादव भी आरोपित किए गए थे। याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने सुनवाई के दौरान CBI की क्लोजर रिपोर्ट भी तलब करने की माँग की थी। हालाँकि, अदालत ने इस माँग को भी नहीं माना। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब मामले में सुनवाई का कोई आधार नहीं है क्योंकि केस की जाँच बंद होने पर याचिका को सुनने का कोई औचित्य नहीं है। विश्वनाथ चतुर्वेदी कॉन्ग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। अप्रैल 2019 में CBI ने सुप्रीम कोर्ट से स्पष्ट कर दिया था कि मुलायम परिवार पर लगे आरोपों को साबित नहीं किया जा सका।
दिसंबर 2022 में जब इस मामले की जब दुबारा सुनवाई की माँग हुई थी तब अखिलेश यादव की तरफ से एडवोकेट और कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बहस की थी। कपिल सिब्बल ने भी सुप्रीम कोर्ट से इस मामले को बंद करने की माँग की थी। हालाँकि तब अदालत ने मुलायम सिंह यादव के निधन होने की बात कहते हुए बाकी सदस्यों पर जाँच जारी रहने की टिप्पणी की थी।