सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के पूर्व निजी सचिव बिभव कुमार को गुंडा बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने CM केजरीवाल पर भी प्रश्न उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि क्या केजरीवाल के ऑफिस को गुंडे रखने की जरूरत है। कोर्ट ने यह टिप्पणियाँ बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस उज्जवल भुइयां और जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपंकर दत्ता ने गुरुवार (1 अगस्त, 2024) को बिभव कुमार के मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा, “क्या मुख्यमंत्री का बंगला कोई निजी आवास है? CM आवास को ऐसा गुंडा रखने की क्या जरूरत है? क्या ऐसा हुआ है, हम तो आश्चर्यचकित हैं। सवाल है कि ऐसा कैसे हुआ।”
कोर्ट ने कहा, “क्या यही तरीका है, क्या ये एक निजी आवास है? यह मुख्यमंत्री का घर है? आप ऐसा कहना चाहते हैं जैसे कि कोई एक गुंडा घुस आया और आप उसे बचाना चाहते है। बिभव कुमार एक महिला पर हमला किया है। क्या बिभव कुमार को ऐसा करते समय कोई शर्म आई।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वाति मालीवाल ने हमले से पहले अपनी शारीरिक स्थिति भी बिभव कुमार को बता दी थी फिर भी उन्होंने हमला किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिभव कुमार पूर्व सचिव हैं। कोर्ट ने कहा कि यदि स्वाति मालीवाल को केजरीवाल के घर में रुकने की कोई अनुमति नहीं थी तो बिभव कुमार को भी नहीं थी।
कोर्ट ने इस मामले में कहा कि सामान्यतः तो जमानत दे ही देते हैं, यहाँ तक कि हत्यारों को भी जमानत मिलती है लेकिन इस मामले में यह आगे चल कर बुरे उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि अगर बिभव कुमार नहीं जाँच प्रभावित कर सकते तो आखिर कौन कर सकता है।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने बिभव कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसी के खिलाफ बिभव कुमार सुप्रीम कोर्ट पहुँचे थे। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर दिया है।
बिभव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने 13 मई, 2024 को CM केजरीवाल से मिलने आई AAP की राज्यसभा सांसद से मारपीट की। स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि उन पर बिभव कुमार ने हमला किया और उनको जमीन पर गिरा कर तक मारा। स्वाति मालीवाल ने कहा कि उनकी पिटाई के दौरान केजरीवाल के आवास में मौजूद लोगों ने उनकी मदद नहीं की।