Sunday, December 22, 2024
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जिसे दिग्विजय सिंह ने कहा ‘शांति का मसीहा’, उसे ‘घटिया-घिनौना-बीमार’ कह रहीं सुप्रिया श्रीनेत: जाकिर नाइक के पुराने फैन रहे हैं कॉन्ग्रेसी

पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ज़ाकिर नाइक की पहले ‘शांति के मसीहा’ के रूप में प्रशंसा की थी। ज़ाकिर नाइक और राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच आर्थिक संबंध भी रहे हैं, जिसके ट्रस्टी सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी हैं।

शनिवार (12 अक्टूबर) को कॉन्ग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस्लामिक कट्टरपंथी और नफरत फैलाने वाले उपदेशक ज़ाकिर नाइक की महिलाओं पर की गई यौन उत्पीड़न संबंधी टिप्पणी को लेकर कड़ी आलोचना की।

सुप्रिया ने ट्वीट किया, “इतनी घटिया घिनौनी सोच, बीमार असल में यह खुद हैं।” उन्होंने ज़ाकिर नाइक की उस ताजा टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें नाइक ने महिलाओं, खासकर एंकरों को लेकर अपमानजनक बातें कही थीं।

यह जानना जरूरी है कि कॉन्ग्रेस में शामिल होने से पहले सुप्रिया श्रीनेत ने 17 साल तक बतौर पत्रकार काम किया था, और उन्होंने ईटी नाउ पर न्यूज एंकर के तौर पर भी सेवाएँ दी थीं।

सुप्रिया श्रीनेत के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

हाल ही में पाकिस्तान में एक इंटरव्यू के दौरान ज़ाकिर नाइक ने महिलाओं को उन प्रोफेशन्स से दूर रहने की सलाह दी थी, जहां उन्हें कैमरे के सामने आना पड़ता है। नाइक का कहना था कि ऐसा करने से महिलाएँ पुरुषों की वासना का शिकार बनती हैं। इस्लामिक प्रचारक ने कहा, “अगर कोई मर्द महिला एंकर को देख कर वासना महसूस नहीं करता, तो वह मेडिकल रूप से ठीक नहीं है।”

ज़ाकिर नाइक ने यह भी कहा, “अगर आप 20 मिनट तक किसी लड़की को देखकर वासना महसूस नहीं करते, तो आप स्वस्थ नहीं हैं,” और इस दौरान उन्होंने क़ुरान की आयतों का हवाला दिया।

हाल ही में ज़ाकिर नाइक को पाकिस्तान में तीखी आलोचना झेलनी पड़ी थी, जब उसने स्वतंत्र और अविवाहित महिलाओं को ‘बाज़ारू औरत’ कहा था।

सुप्रिया श्रीनेत की ज़ाकिर नाइक पर की गई आलोचना को कॉन्ग्रेस की आधिकारिक राय के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, भले ही वह पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। यह ज्यादा से ज्यादा उनकी व्यक्तिगत राय है, क्योंकि नाइक ने उनके पुराने प्रोफेशन (धंधे) को खास तौर पर निशाना बनाया था।

किसी भी अन्य कॉन्ग्रेस नेता ने ज़ाकिर नाइक के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है, भले ही उसकी यौन उत्पीड़न संबंधी टिप्पणियाँ जगजाहिर हों। असल में, पार्टी ने कभी औपचारिक रूप से इस नफरत फैलाने वाले इस्लामी कट्टरपंथी की आलोचना नहीं की।

इसके उलट, कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ज़ाकिर नाइक को ‘शांति का मसीहा’ कहकर उसकी तारीफ की थी।

उन्होंने कहा था, “अस्सलाम वालेकुम। मैंने डॉ. ज़ाकिर नाइक के बारे में बहुत सुना था। अंततः मुझे उनसे मिलने का मौका मिला। मैं खुश हूँ कि वह दुनिया भर में शांति का संदेश फैला रहे हैं।”

दिग्विजय सिंह ने 2012 में अपने भाषण में कहा था, “डॉ. ज़ाकिर नाइक ने सभी धर्मों की किताबें पढ़ी हैं। अब यह जरूरी है कि आपका शांति का संदेश भारत के हर कोने में पहुँचे।”

कॉन्ग्रेस, ज़ाकिर नाइक और एक छिपा हुआ रिश्ता

हालाँकि उस समय ज़ाकिर नाइक को भगोड़ा घोषित नहीं किया गया था, लेकिन उसके हिंदू धर्म पर हमला करने वाले और कट्टर इस्लामिक भाषण ऑनलाइन उपलब्ध थे।

इसके बावजूद, मुस्लिम तुष्टिकरण के लंबे इतिहास वाली कॉन्ग्रेस पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह को ज़ाकिर नाइक की तारीफ करने से कोई हिचक नहीं हुई।

यह जानकर कई लोग चौंक सकते हैं कि ज़ाकिर नाइक की इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) और राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट (RGCT) के बीच गहरे संबंध हैं। IRF ने दो बार RGCT को 50 लाख और 25 लाख रुपये का दान दिया है। और RGCT के ट्रस्टी कोई और नहीं बल्कि सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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