हाल ही में स्वर्गीय हुईं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अंतिम इच्छा उनकी बेटी बाँसुरी स्वराज ने पूरी कर दी है। बाँसुरी ने कुलभूषण जाधव को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मौत की सज़ा से बचाने वाले भारत के वकील हरीश साल्वे को उनकी फीस का वह एक रुपया भेंट किया, जो अपनी आकस्मिक मृत्यु के महज़ कुछ घंटे पहले स्वराज ने साल्वे से आकर अगले दिन ले जाने के लिए कहा था। यह तस्वीर बाँसुरी के पिता और पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने ट्विटर पर सुषमा स्वराज के ट्विटर अकाउंट को टैग करते हुए साझा की है।
@sushmaswaraj Bansuri has fulfilled your last wish. She called on Mr.Harish Salve and presented the One Rupee coin that you left as fees for Kulbhushan Jadhav’s case. pic.twitter.com/eyBtyWCSUD
— Governor Swaraj (@governorswaraj) September 27, 2019
हरीश साल्वे को भारत और जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश मंत्री रहते सुषमा स्वराज ने ही नियुक्त किया था। साल्वे ने उसी समय प्रतीकात्मक ‘एक रुपया’ फीस लेने की बात की थी। अपने निधन के पहले उन्होंने साल्वे को फ़ोन कर अगले दिन सुबह 6 बजे अपनी फ़ीस ले जाने को कहा। लेकिन उसी रात (6 अगस्त) उनकी हृदयघात से मृत्यु हो गई।
सुषमा के पति स्वराज कौशल ने ट्विटर पर लिखा, “@sushmaswaraj बाँसुरी ने आपकी अंतिम इच्छा पूरी कर दी। उन्होंने श्री हरीश साल्वे के पास जाकर उन्हें एक रुपए का सिक्का कुलभूषण जाधव मामले की फ़ीस के रूप में प्रदान किया।” तस्वीर पृष्ठभूमि से साल्वे की स्टडी की लग रही है।
पाकिस्तान ने इस झूठे आरोप में जाधव को ईरान से अगवा कर अपने देश में मौत की सज़ा सुनाई थी कि जाधव रॉ एजेंट हैं और पाकिस्तान में आतंक फैलाने और भारत के लिए जासूसी में उनका हाथ है। साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में न केवल पाकिस्तान के दावे की पोल खोल दी, बल्कि उनकी मौत की सज़ा पर रोक लगाने के अलावा भारत को जाधव तक कॉन्सुलर एक्सेस भी दिलवाया।
सुषमा स्वराज 67 साल की उम्र में मृत्यु को प्राप्त होने के पहले काफ़ी बीमार चल रहीं थीं। मृत्यु के पहले उनका आखिरी ट्वीट 370 हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद का था। उन्होंने पिछले लोक सभा चुनाव से भी बाहर रहने की घोषणा की थी, जिसे उनका चुनावी राजनीति से सन्यास माना गया था। उनकी उस घोषणा पर उनके पति स्वराज कौशल ने ट्विटर पर धन्यवाद ज्ञापन करते हुए लिखा था, “मुझे यह है कि एक समय मिल्खा सिंह ने भी दौड़ना बंद कर दिया था। 1977 से यह 41 साल लंबी मैराथन जारी है। आपने 11 चुनाव लड़े हैं।” मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल ने यह भी लिखा कि वे भी उनके (स्वराज के) पीछे-पीछे दौड़ते-दौड़ते थकने लगे हैं। अब वे 19 वर्षीय युवक नहीं हैं।
सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में निधन हो गया था। निधन से पहले उनका आखिरी ट्वीट 370 हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद का था। उन्होंने पिछले लोक सभा चुनाव से भी बाहर रहने की घोषणा की थी, जिसे उनका चुनावी राजनीति से संन्यास माना गया था। उनकी उस घोषणा पर उनके पति स्वराज कौशल ने ट्विटर पर धन्यवाद ज्ञापन करते हुए लिखा था, “मुझे यह है कि एक समय मिल्खा सिंह ने भी दौड़ना बंद कर दिया था। 1977 से यह 41 साल लंबी मैराथन जारी है। आपने 11 चुनाव लड़े हैं।” मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल ने यह भी लिखा कि वे भी उनके (स्वराज के) पीछे-पीछे दौड़ते-दौड़ते थकने लगे हैं। अब वे 19 वर्षीय युवक नहीं हैं।