लोकसभा चुनाव 2024 के सात में से चार चरण के मतदान हो चुके हैं। इस बीच जेल से अंतरिम जमानत पर बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान पत्रकारों ने स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट को लेकर सवाल पूछे।
लखनऊ में आयोजित इस प्रेस वार्ता में स्वाति मालीवाल से जुड़े पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुप रहे। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन अखिलेश यादव बीच में कूद पड़े और बेतुका जवाब दे दिया। अखिलेश ने कहा, “अरे उससे ज्यादा जरूरी और चीजें भी हैं। भाजपाई किसी के सगे नहीं हैं। भाजपाई झूठे मुकदमे लगाने वाला गैंग है।”
बता दें कि AAP की राज्यसभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने 13 मई 2024 मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के घर पर पुलिस बुलाई थी। स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के कहने पर विभव कुमार ने सीएम आवास के भीतर उनके साथ मारपीट की।
हालाँकि, AAP सांसद संजय सिंह ने माना था कि स्वाति मालीवाल के साथ बदसलुकी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कार्रवाई की बात तो दूर जब मुख्यमंत्री केजरीवाल लखनऊ पहुँचे, उस दौरान भी बिभव कुमार उनके साथ थे। इसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया में आई हैं। इसको लेकर AAP और अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठ रहे हैं।
अब प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने अरविंद केजरीवाल का खुलकर बचाव किया। अखिलेश यादव के लिए एक महिला के साथ सीएम आवास में मारपीट साधारण बात लग रही है। उसमें भी वह महिला राज्यसभा सांसद और पूर्व दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष है। अखिलेश यादव के लिए यह साधारण मुद्दा है। इससे समाजवादी पार्टी की महिला विरोधी सोच भी सामने आ गई है।
अखिलेश यादव के दिवंगत पिता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एक ऐसा ही विवादित बयान दिया था। साल 2014 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की एक रैली में मुलायम सिंह ने कहा था कि रेप के लिए फाँसी देना गलत है। उन्होंने बलात्कारियों का बचाव करने के लिए यहाँ तक कह दिया था कि लड़कों से गलतियाँ हो जाती हैं।
मुलायम सिंह यादव ने उसी रैली में कहा था, “लड़कियाँ पहले दोस्ती करती हैं। लड़के-लड़की में मतभेद हो जाता है। मतभेद होने के बाद लड़कियाँ उसे रेप का नाम दे देती हैं। लड़कों से गलतियाँ हो जाती हैं। क्या रेप केस में फाँसी दी जाएगी?” इसी तरह प्रदेश में रेप की एक घटना पर समाजवादी पार्टी के एक नेता तो ये भी कह दिया था कि इतने बड़े प्रदेश में रेप और हत्या की घटनाएँ तो होंगी ही।
साल 2010 में महिला आरक्षण विधेयक के विरोध में टिप्पणी करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा था, “वर्तमान स्वरूप में महिला आरक्षण विधेयक पास हुआ तो संसद में उद्योगपतियों और अधिकारियों की ऐसी-ऐसी लड़कियाँ आ जाएँगी जिन्हें देखकर लड़के पीछे से सीटी बजाएँगे।”
सपा नेता अबु आजमी ने कहा था कि फैशन और कम कपड़े पहनने से ही बलात्कार जैसी घटनाएँ होती हैं। पेट्रोल और आग को एक साथ रखेंगे तो वह जलेगा ही। उन्होंने बगैर सिर ढके और स्कर्ट पहनकर निकलने वाली महिलाओं के खिलाफ कानून बनाने की भी माँग की थी। 2013 में उन्होंने कहा था कि औरतें सोने की तरह कीमती होती हैं, अगर उन्हें खुला छोड़ा तो उन्हें लूट लिया जाएगा।
आजम खान भी पीछे नहीं रहे। लोकसभा के भीतर रामपुर से सपा के तत्कालीन सांसद आजम खान ने सदन की अध्यक्षता कर रहीं रमा देवी से कह दिया था, “आप मुझे इतनी अच्छी लगती हैं कि मेरा मन करता है कि आपकी आँखों में आँखें डाले रहूॅं।” आजम खान ने लोकसभा चुनाव के दौरान इशारों-इशारों में प्रतिद्वंद्वी महिला उम्मीदवार की अंडरवियर का कलर तक बता दिया था।
इसी तरह अखिलेश यादव के चाचा राम गोपाल यादव ने तो बॉलीवुड की हीरोइनों को मुंबई के बार डांसर्स से भी ज्यादा अश्लील बता दिया था। इसी तरह सपा नेता शिवचरण प्रजापति ने कह दिया था कि बलात्कार के लिए महिलाएँ ज्यादा जिम्मेदार होती हैं। इस तरह सपा में महिलाओं के खिलाफ बयान देने वालों की लंबी फेहरिस्त है और अखिलेश यादव भी पार्टी की विचारधारा के तहत ही ये बयान दिया है।