नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act 2024) को तमिल हीरो जोसेफ विजय चंद्रशेखर ने किसी भी कीमत पर स्वीकार्य करने से इनकार किया। उन्होंने तमिलनाडु सरकार से अपील की है कि इस कानून को लागू न किया जाए। उन्होंने ये अपील अपनी राजनैतिक पार्टी के एक्स अकॉउंट से की है।
जोसेफ विजय ने अपनी पार्टी तमिलगा वेट्री कजगम (TVK) के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक आधिकारिक बयान साझा किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसमें उन्होंने तमिल में लिखा, “भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (सीएए) जैसे किसी भी कानून को ऐसे माहौल में लागू करना स्वीकार्य नहीं है, जहाँ देश के सभी नागरिक सामाजिक सद्भाव के साथ रहते हैं।”
#CitizenshipAmendmentAct pic.twitter.com/4iO2VqQnv4
— TVK Vijay (@tvkvijayhq) March 11, 2024
इस पत्र में आगे अभिनेता से राजनेता बने विजय ने तमिलनाडु सरकार से सीएए न लागू करने की अपील करते हुए यह भी कहा, “नेताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह कानून तमिलनाडु में लागू न हो।”
गौरतलब है कि 2 फरवरी को थलापति विजय ने आधिकारिक तौर पर अपनी राजनीतिक पार्टी का नाम तमिलगा वेट्री कजम की घोषणा की थी। उन्होंने इस पार्टी का ऐलान करने के साथ कहा था, “हम 2024 का चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं और हम किसी पार्टी में नहीं जा रहे हैं। हमने सामान्य और कार्यकारी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया है।”
उनकी इस घोषणा के एक महीने बाद सीएए पर ऐसा बयान सामने आया है। ये पोस्ट देख लोग उनसे पूछने लगे कि इससे उन्हें क्या दिक्कत है अगर पड़ोसी मुल्क के प्रताड़ित लोगों को भारत सरकार नागरिकता दें। लोगों ने उन्हें एक भटका हुआ अभिनेता बताया है जो मुस्लिमों को खुश करने के लिए प्रताड़ित हिंदुओं, ईसाइयों, सिख, जैन और पारसियों के खिलाफ खड़ा है।
Hello Joseph, oppressed Christians do receive citizenship. You have just exposed yourself that you are nothing more than a misguided actor. Wanting to appease Muslims does not justify your stance against oppressed Hindus, Christians, Sikhs, Jains, and Parsis.
— Kanimozhi (Modi ka Parivar) (@kanimozhi) March 11, 2024
बता दें कि एक ओर जहाँ तमिल एक्टर ने ऐसी अपील की है तो वहीं दूसरी ओर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसे केंद्र का विभाजनकारी एजेंडा बताया है। उन्होंने कहा कि सीएए को हथियार बनाया जा रहा है। मुस्लिमों और श्रीलंकाई तमिलों को धोखा देकर विभाजन के बीज बोए गए।
उन्होंने कहा कि DMK के कड़े विरोध के बावजूद AIDMK की मदद से सीएए पास हुआ। लोगों ने विरोध किया तो इसे ठंडे बस्ते में रख दिया गया। लेकिन जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं पीएम मोदी राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल चाहते हैं। लेकिन भारत के लोग इस विभाजनकारी नागरिकता संशोधन अधिनियम के लिए उनको कभी माफ नहीं करेंगे और उनको एक कड़ा सबक सिखाएँगे।