तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके खुद को द्रविडियन पॉलिटिक्स की चैंपियन बताती है। उसके मुखिया एमके स्टालिन भी सनातन का विरोध करते हैं, तो एमके स्टालिन का मंत्री बेटा उदयनिधि स्टालिन सीधे तौर पर सनातन को मिटाने की बात करता है। एक तरफ घर के पुरुष सदस्य सनातन के खिलाफ आग उगलते रहते हैं, तो दूसरी तरफ घर की मालकिन यानी एमके स्टालिन की पत्नी दुर्गा स्टालिन मंदिर-मंदिर जाकर दर्शन करती हैं। कुछ दिन पहले केरल के सुप्रसिद्ध गुरुवायुर के श्री कृष्ण मंदिर के पीठासीन देवता भगवान गुरुवायुरप्पन के दर्शन कर उन्हें 32 सिक्कों के वजन वाली टोपी अर्पित की थी, तो अब वो आँध्र प्रदेश के तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर पहुँची हैं।
एएनआई द्वारा जारी की गई फुटेज के मुताबिक, दुर्गा स्टालिन ने शनिवार (27 अप्रैल 2024) को तिरुमाला के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रार्थना की। उनके आगमन पर मंदिर के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। बता दें कि दुर्गा स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन खुद को प्राउड क्रिश्चियन बताते हैं।
#WATCH | Andhra Pradesh: Durga Stalin, wife of Tamil Nadu CM MK Stalin offered prayers at Sri Venkateswara Swami Temple in Tirupati. pic.twitter.com/2Bqhz60S0N
— ANI (@ANI) April 27, 2024
बता दें कि उदयनिधि स्टालिन ने सितंबर 2023 को खुलेआम मंच से सनातन को डेंगू मलेरिया कहा था। ईसाई होने पर गर्व करने वाले उदयनिधि ने कहा कि सनातन का सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, उदयनिधि ने कहा कि इसको लेकर अगर कोई कानूनी कार्रवाई की बात करता है तो वो इससे डरने वाले नहीं हैं।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए जा रहे उनके भाषण की एक वीडियो क्लिप में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “सनातन धर्म को खत्म करने के लिए इस सम्मेलन में मुझे बोलने का मौका देने के लिए मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूँ। मैं सम्मेलन को ‘सनातन धर्म का विरोध’ करने के बजाय ‘सनातन धर्म को मिटाओ‘ कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूँ।”
उदयनिधि ने कहा, “कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू, मलेरिया, कोरोना ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है। सनातन भी ऐसा ही है। विरोध करने की जगह सनातन को ख़त्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए।”
गौरतलब है कि पिछले दिनों दुर्गा स्टालिन मशहूर पहाड़ी मंदिर भी गईं थीं। दुर्गा अक्सर मंदिर जाती हैं और उन्होंने देश के कई प्रसिद्ध मंदिरों में पूजा-अर्चना की है। पिछले साल, उन्होंने केरल के गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर के पीठासीन देवता, भगवान गुरुवायुरप्पन को 32 सिक्कों के वजन वाली एक सुनहरी टोपी अर्पित की थी। उन्होंने मंदिर में चंदन को पीसकर पेस्ट बनाने की मशीन भी भेंट की।