Sunday, December 22, 2024
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तमिलनाडु में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लाइव टेलीकास्ट पर बैन! BJP बोली – मंदिरों को धमकी, पूजा और विशेष प्रसाद पर भी प्रतिबंध

"ऐसा लगता है कि धर्मनिरपेक्ष सरकार चलाने के नाम पर हिंदू विरोधी गतिविधियों में लगी डीएमके सरकार ने तमिलनाडु के मंदिरों में विशेष पूजा और भोजन प्रसाद पर प्रतिबंध लगा दिया है।"

तमिलनाडु में 22 जनवरी को होने वाले अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रमों के लाइव टेलीकास्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार (21 जनवरी, 2024) को इसे लेकर ट्वीट कर डीएमके सरकार पर हमला बोला है। हालाँकि, इसे लेकर अभी सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।

माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर सीतारमण ने कहा, “TN सरकार ने 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर के कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण को देखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। TN में श्री राम के 200 से अधिक मंदिर हैं। HR&CE प्रबंधित मंदिरों में श्री राम के नाम पर किसी भी पूजा/भजन/प्रसादम/अन्नदानम की अनुमति नहीं है। पुलिस निजी तौर पर संचालित मंदिरों को भी कार्यक्रम आयोजित करने से रोक रही है। वे आयोजकों को धमकी दे रहे हैं कि वे पंडाल तोड़ देंगे। इस हिंदू विरोधी, घृणित कार्रवाई की कड़ी निंदा करती हूँ।”

सीतारमण ने अपने एक्स थ्रेड में आगे लिखा कि लोगों को भजन आयोजित करने, गरीबों को खाना खिलाने, मिठाइयाँ बाँटने और जश्न मनाने से रोका और धमकाया जा रहा है, जबकि वे केवल अयोध्या में राम मंदिर अभिषेक समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी को देखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, “तमिलनाडु सरकार अनौपचारिक लाइव टेलीकास्ट प्रतिबंध को उचित ठहराने के लिए कानून व्यवस्था के बिगड़ने का दावा कर रही है। यह एक झूठी और फर्जी कहानी है! अयोध्या फैसले के दिन कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं थी। देश-भर यह समस्या उस दिन भी नहीं थी जब माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया था। तमिलनाडु में प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव मनाने के लिए लोगों में उमड़े स्वैच्छिक भागीदारी और भावना ने हिंदू विरोधी DMK सरकार को बेहद परेशान कर दिया है!”

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि केबल टीवी ऑपरेटरों को बताया गया है कि लाइव टेलीकास्ट के दौरान बिजली कटौती की संभावना है। वित्त मंत्री सीतारमण ने इसे I.N.D.I. गठबंधन के प्रमुख सहयोगी DMK का हिंदू विरोधी कदम बताया है।

वहीं तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने एक ट्वीट में कहा, “ऐसा लगता है कि धर्मनिरपेक्ष सरकार चलाने के नाम पर हिंदू विरोधी गतिविधियों में लगी डीएमके सरकार ने तमिलनाडु के मंदिरों में विशेष पूजा और भोजन प्रसाद पर प्रतिबंध लगा दिया है।”

उन्होंने इशारा किया, “द्रमुक सरकार को मंदिर प्रथाओं में हस्तक्षेप करने का क्या अधिकार है? इसके अलावा पुलिस को कहा गया है कि श्री राम की मूर्ति की स्थापना के मद्देनजर तमिलनाडु में मंदिर प्रशासन या जनता की ओर से कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने देना चाहिए और जनता के देखने के लिए बड़ी स्क्रीन के माध्यम से सीधा प्रसारण नहीं करना चाहिए।”

दरअसल रविवार सुबह ही पीएम मोदी धनुषकोडि के नजदीक अरिचल मुनई प्वाइंट गए हैं। कहा जाता है कि यहीं से राम सेतु का निर्माण हुआ था। इसके बाद वे श्री कोठंडारामा स्वामी मंदिर में पूजा और दर्शन किया। धनुषकोडी के कोठंडारामा नाम का मतल धनुषधारी राम है।

ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर पहली बार विभीषण ने श्री राम से मिले उनसे शरण माँगी थी। कुछ किंवदंतियाँ हैं वहीं जगह जहाँ श्री राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था।

बताते चलें कि तमिलनाडु में हिंदूओं और सनातन धर्म को लेकर इस तरह की घृणित राजनीति पहली बार नहीं हुई है। खुद तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री एमके उदयनिधि और सरकार के मंत्री सनातन के खिलाफ अभद्र बयानबाजी कर चुके हैं। सनातन को मिटाने का आह्वान कर चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ एचआर एंड सीई ने स्पष्टीकरण जारी किया है कि यह गलत सूचना फैलाई गई है कि धर्मार्थ विभाग ने तमिलनाडु के मंदिरों में कल राम के नाम पर पूजा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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