तमिलनाडु के मंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) नेता उदयनिधि स्टालिन ने सोमवार (6 नवंबर, 2023) को सनातन धर्म के खिलाफ अपने रवैये का बचाव करते हुए कहा कि वो सनातन का विरोध जारी रखेंगे, भले ही उन्हें इसके लिए कानूनी कार्रवाई का ही सामना क्यों न करना पड़ा। मद्रास हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ कार्रवाई न होने पर पुलिस को फटकारा था, जिसके बाद उनका ये बयान आया है।
दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने डीएमके के मंत्री उदयनिधि और पीके शेखर बाबू की सनातन धर्म को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों पर कार्रवाई न करने पर पुलिस को आड़े हाथों लिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी भी शख्स को बँटवारे वाले विचारों को बढ़ावा देने या किसी विचारधारा को खत्म करने का अधिकार नहीं है।
गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन पहले ‘सनातन धर्म’ की तुलना ‘डेंगू’ और ‘मलेरिया’ से कर चुके हैं। तमिलनाडु सरकार के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार (2 सितंबर, 2023) को कहा कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू की तरह है और इसलिए इसे खत्म किया जाना चाहिए, न कि केवल इसका विरोध किया जाना चाहिए।
वो सनातन धर्म को मिटाने के लिए आयोजित एक सम्मेलन में बोल रहे थे। अब वो अपने इस बयान के पक्ष में मजबूती से खड़े दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये कहकर उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है और वो अपने इस बयान को लेकर कानूनी नतीजे भुगतने को तैयार हैं। मतलब साफ है कि उन्हें करोड़ों लोगों की भावनाओं की कोई परवाह नहीं और विरोध के बावजूद वो सनातन पर की गई अपनी बयानबाजी से बाज नहीं आने वाले हैं।
उदयनिधि स्टालिन ने कहा, “मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। मैंने जो कहा वह सही था और मैं इसका कानूनी तौर पर सामना करूँगा। मैं अपना बयान नहीं बदलूँगा। मैंने अपनी विचारधारा की बात कही है। मैंने अंबेडकर, पेरियार या थिरुमावलवन ने जो कहा था उससे ज्यादा कुछ नहीं कहा है। मैं एक विधायक, एक मंत्री या युवा विंग का सचिव हो सकता हूँ और कल शायद नहीं भी, लेकिन एक इंसान होना अधिक महत्वपूर्ण है।”
डीएमके नेता ने आगे कहा, “हम कई सालों से सनातन के बारे में बोल रहे हैं जबकि NEET 6 साल पुराना मुद्दा है। यह (सनातन) कई सौ साल पुराना मुद्दा है, हम इसका हमेशा विरोध करेंगे।”