बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू यादव और रबड़ी देवी के बेटे तेज प्रताप अपने बयानों और वेशभूषा के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब उन्होंने एक और बड़ा दावा किया है, जो उनकी शैक्षिक योग्यता से मेल नहीं खाता। हसनपुर के विधायक ने ‘छात्र जनशक्ति परिषद’ की बैठक में दावा कर दिया कि वो हवाई जहाज उड़ाया करते थे और उन्हें ‘कैप्टन’ कि पदवी भी मिली हुई थी। उन्होंने कह डाला कि उनका नाम ‘कैप्टन तेज प्रताप यादव’ है, लेकिन वो ‘कैप्टन’ लगाते नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें छोटे-छोटे हवाई जहाज उड़ाने का अनुभव है। बकौल तेज प्रताप यादव, उन्होंने भारतीय वायुसेना का न सिर्फ फॉर्म भरा था, बल्कि उन्हें चुन भी लिया गया था। उन्होंने दावा किया कि ‘बिहार फ्लाइंग इंस्टीट्यूट’ में दो साल और तीन साल के अलग-अलग प्रशिक्षण दिए जाते हैं, जिसमें से उन्होंने दो साल वाली ट्रेनिंग ली है। बकौल तेज प्रताप, उन्होंने छोटे जहाज उड़ाए हैं। उनके इस भाषण पर समर्थकों ने तालियाँ भी बजाई।
उन्होंने बताया कि उन्हें ‘Cessna 172’ नामक हवाई जहाज उड़ाने का अनुभव है और कैप्टन शिवप्रकाश उनके इंस्ट्रक्टर थे। उन्होंने ये भी बताया कि राजनीति में आने से पहले उनकी इच्छा सेना में ही जाने की थी। NBT की खबर के अनुसार, तेज प्रताप यादव महज 12वीं पास हैं और उन्होंने कॉलेज में आगे दाखिल तो लिया था, लेकिन फेल होने के कारण आगे नहीं पढ़ पाए। फिर उन्होंने पढ़ाई ही छोड़ दी थी।
बताते चलें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर विधायक बने थे। फिर 2015 में सीएम नीतीश कुमार की कैबिनेट में स्वास्थ्य, जल संसाधन, पर्यावरण मंत्री बनाया गया था। हालाँकि, लगभग दो साल बाद ही ये सरकार गिर गई जब नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में वो हसनपुर सीट विधायक चुने गए।
नो कैप्शन रिक्वायर्ड.. भैया खुद में एक मीम हैं pic.twitter.com/vqzWsfqnpn
— khesri (@Khesarii) October 9, 2021
फिलहाल तेज प्रताप यादव अपनी ही पार्टी राजद से बगावत पर उतारू हैं और उनके भाई तेजस्वी यादव से उनकी ठनी हुई है। राजद के वरिष्ठ नेता और पार्टी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि तेज प्रताप यादव पार्टी में नहीं हैं। उन्हें पार्टी का चुनाव चिह्न लालटेन का इस्तेमाल करने की अनुमति भी नहीं है। उन्होंने कहा कि तेज प्रताप को पार्टी से निष्कासित करने का क्या सवाल है, वह तो खुद निष्कासित हो चुके हैं।