गुजरातियों को ठग कहने के मामले में मानहानि केस का सामना कर रहे बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शनिवार (4 नवंबर 2023) को अहमदाबाद के मेट्रोपोलिटन कोर्ट में पेश नहीं हुए। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से ट्रायल कोर्ट को बताया कि इस मामले को स्थानांतरित करने की माँग वाली उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए उन्होंने पेशी से छूट देने की भी माँग की।
कोर्ट में पेशी की छूट की माँग करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि वह बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं और कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं। तेजस्वी यादव ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट को बताया कि उनके द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 6 नवंबर 2023 को सुनवाई कर सकता है। इसलिए उन्हें राहत दी जाए।
दलीलें सुनने के बाद ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई 2 दिसंबर 2023 तक टाल दी है। हालाँकि, हरेश मेहता के वकील ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक इस मामले में कोई निर्देश नहीं दिया है। ऐसे में ट्रायल कोर्ट तेजस्वी यादव की गैर-मौजूदगी में भी सुनवाई जारी रख सकती है।
दरअसल, तेजस्वी यादव ने अपने एक बयान में कहा था कि ‘सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं और उनका अपराध माफ भी कर दिया जाएगा। अगर वह देश से फरार भी हो जाएँ तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?’ उनके इस बयान को लेकर गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ता हरेश मेहता ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
मेहता ने अपनी याचिका में कहा था कि तेजस्वी यादव ने पूरे गुजरातियों को ठग कहकर उनका अपमान किया गया है। उन्होंने इस मामले में कोर्ट से तेजस्वी यादव को सजा देने की माँग की है। मामले की सुनवाई करते हुए अहमदाबाद की ट्रायल कोर्ट ने 22 सितंबर 2023 को तेजस्वी यादव को मानहानि मामले में समन जारी किया था।