राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा इलाके में जमीन विवाद में जिंदा जलाए गए पुजारी बाबूलाल वैष्णव की मौत के बाद दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्रा रविवार (अक्टूबर 11, 2020) दोपहर को करौली पहुँचेंगे। वे पुजारी बाबूलाल वैष्णव के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें करीब 25 लाख रूपए की आर्थिक सहायता सौंपेंगे।
मंदिर के पुजारी को जिन्दा जलाए जाने और उनकी मृत्यु की घटना के बाद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया के जरिए एक अपील कर मृतक पुजारी के परिवार को आर्थिक मदद करने की अपील की थी। इसके बाद कई सामाजिक संस्थाओं और लोगों ने बढ़कर आर्थिक मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए।
बाबूलाल वैष्णव नाम के पुजारी को कथित तौर पर 6 लोगों ने आग लगा दी थी, वो मंदिर की भूमि को हथियाना चाहते थे। भाजपा नेता ने रविवार को ट्विटर पर लिखा, “हम दिल्ली से निकल चुके हैं पुजारी जी के परिवार से मिलने के लिए। पूरी दुनिया से पुजारी के परिवार के लिए 25 लाख रुपए इकट्ठे हुए हैं। महात्मा गाँधी द्वारा बताए सबसे आखिरी, कमजोर, असहाय, निर्बल व्यक्ति का प्रतीक है पुजारी जी और उनका परिवार।”
हम दिल्ली से निकल चुके हैं पुजारी जी के परिवार से मिलने के लिए
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) October 11, 2020
पूरी दुनिया से पुजारी जी के परिवार के लिए 25 लाख रुपये इकट्ठे हुए है
गांधी जी द्वारा बताए सबसे आखिरी, कमजोर, असहाय, निर्बल व्यक्ति का प्रतीक है पुजारी जी और उनका परिवार pic.twitter.com/qqRozRF7YX
कपिल मिश्रा ने सफर के बीच ही एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि वो बाबूलाल वैष्णव के घर जाने के लिए दिल्ली से निकल चुके हैं। इसके साथ ही वो वीडियो में कहते हैं, “पिछले 2 दिनों में, हमने उनके परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए एक अभियान चलाया था। हमने उनके परिवार के लिए लगभग ₹ 25 लाख रुपए एकत्र किए हैं। हम इसे परिवार को सौंप देंगे। मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने अपने परिवार के लिए आर्थिक मदद भेजी है।”
वीडियो में आगे कपिल मिश्रा ने कहा, “महात्मा गाँधी ने कहा था समाज का आखिरी व्यक्ति, सबसे कमजोर, असहाय, निर्बल उसको अगर सच में समझना है तो पुजारी के परिवार को देखिए। पुजारी का परिवार वह आखिरी व्यक्ति है, जिसे कोई भी दबंग आकर उसे कुचलने का प्रयास करता है। अत्याचार करता है। आज मुझे कम से कम इस बात का संतोष है कि हम नानाजी देशमुख के जन्मतिथि के दिन समाज के उस आखिरी व्यक्ति के लिए कुछ कर पा रहे हैं।”
राजस्थान में करौली जिले के बूकना गाँव में जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद में 50 वर्षीय पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया। बताया जाता है कि बुधवार शाम को कैलाश, शंकर, नमो, किशन, रामलखन जमीन पर कब्जा कर छप्पर तानने लग गए। बुजुर्ग पुजारी ने उन्हे रोकने का प्रयास किया तो आरोपितों ने बाजरे की कड़बी और पेट्रोल की बोतल डालकर आग लगा दी। इससे पुजारी बुरी तरह झुलस गए।
बाबूलाल वैष्णव को गंभीर हालत में जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था और शुक्रवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। इस बीच, राज्य के साधुओं ने मंदिर के पुजारी की हत्या के विरोध में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। बाबूलाल गाँव के राधागोविंद मंदिर के प्रधान पुजारी थे।
पुलिस ने पुजारी पर पेट्रोल डालने के मुख्य आरोपित कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। पूरे मामले में पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। ‘दैनिक भास्कर’ की खबर के अनुसार, प्रशासन इस मामले को शुरुआत में ‘आत्मदाह’ बताती रही। पुजारी ने मौत से पहले ही आरोपित कैलाश का नाम ले लिया था, बावजूद इसके उसे गिरफ्तार करने में पुलिस ने 24 घंटे का समय लगा दिया। लोगों की माँग है कि इस मामले के जाँच अधिकारी को भी हटाया जाए। शाम 6 बजे पुजारी का शव गाँव पहुँचा, जिसके बाद पीड़ित परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया।