महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के हाथों सत्ता गँवाने के बाद उद्धव ठाकरे के सामने शिवसेना पर अधिकार बचाए रखने की चुनौती गहराती जा रही है। विधायक दल के बाद पार्टी के संसदीय दल में भी फूट पड़ने की खबरें हैं। इस बीच ठाणे में पार्टी के 66 पार्षद मुख्यमंत्री शिंदे के साथ चले गए हैं। ठाणे नगर निगम में शिवसेना के 66 पार्षद थे। ठाणे शिंदे के वर्चस्व वाला इलाका भी माना जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ठाणे के 66 पार्षदों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके आवास पर मुलाकात की। मुंबई मनपा के बाद ठाणे नगर निगम राज्य की दूसरी सबसे बड़ी नगर निगम है। मूल रूप से सातारा के रहने वाले एकनाथ शिंदे ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ठाणे से ही की थी। वो यहाँ से 4 बार विधायक भी रह चुके हैं।
Big blow to #UddhavThackeray as 66 #ShivSena corporators from #Thane join CM #EknathShinde camphttps://t.co/oqexPiwWyb
— TIMES NOW (@TimesNow) July 7, 2022
इस बीच खबर ये भी है कि शिवसेना के 12 सांसद भी शिंदे के साथ जाने की तैयारी कर रहे हैं। बुधवार को ही शिंदे गुट के विधायक गुलाबराव पाटिल ने इसको लेकर दावा किया था। इसके बाद शिवसेना नेता आनंद राव ने इस्तीफा दे दिया था। जिन सांसदों के शिंदे के साथ आने की संभावना है, उनमें रामटेक से रामकृपाल तुमाने, शिंदे के बेटे और कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे, शिर्डी से सदाशिव लोखंडे, हिंगोली से हेमंत पाटिल, दक्षिण-मध्य मुंबई से राहुल शेवाले, पालघर से राजेंद्र गावित, बुलढाणा से प्रतापराव जाधव, नासिक से हेमंत गोडसे, मावल से श्रीरंग बारणे और ठाणे से राजन विचारे के नाम शामिल हैं।
वहीं संसदीय दल में फूट की खबरों के बीच संजय राउत ने लोकसभा स्पीकर को पार्टी का व्हिप बदलने के लिए पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि रंजन विचारे को पार्टी का नया व्हिप बनाया गया है।