मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले सत्र में संसद में रिकॉर्ड कामकाज हुआ है। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने, राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बॉंटने, तीन तलाक को गैर कानूनी करार देने जैसे ऐतिहासिक विधेयकों के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण बिल इस सत्र में पारित हुए।
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार लगातार मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सिम गर्वनेंस पर जोर देती रही है। लोकसभा और राज्यसभा में रिकॉर्ड कामकाज ने उसकी इस प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। सत्र 17 जून को शुरू हुआ था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करते हुए मंगलवार को कहा था कि यह 1952 के बाद सबसे स्वर्णिम सत्र रहा है। इसमें 134 फीसदी कामकाज हुआ। 17 जून से छह अगस्त तक चले इस सत्र में कुल 37 बैठकें हुई हैं और करीब 280 घंटे तक कार्यवाही चली।
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को बताया कि उच्च सदन में इस बार 33 विधेयक पास हुए और सौ प्रतिशत से अधिक कामकाज हुआ। सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले समापन भाषण में उन्होंने यह बात कही।
नायडू ने बताया, “वर्ष 2009 से 2014 के बीच पॉंच साल तक जिस तरह यह सदन चला उसके बारे में मैंने इस वर्ष 13 फरवरी को एक रिपोर्ट दी थी और बताया कि किस तरह 49 प्रतिशत समय सदन का बर्बाद हुआ लेकिन इस बार रचनात्मक सदन रहा और काफी कामकाज हुआ।”
उन्होंने कहा कि इस बार कुल 35 बैठकें हुईं और 104.92 प्रतिशत कामकाज हुआ जो पिछले पॉंच साल का रिकाॅर्ड है। गत 17 सत्रों में ऐसा कामकाज नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि पाँच सत्रों में 7.44 प्रतिशत से 65.60 फीसदी ही कामकाज हो पाया था।
उन्होंने बताया कि लोकसभा ने 36 विधेयक पारित किए और दोनों सदनों से कुल 31 विधेयक पास हुए। यह 17 साल का रिकाॅर्ड है। वर्ष 2002 में 35 और वर्ष 1984 में 37 विधेयक पारित किए गए थे। इस तरह विधेयकों को पारित करने की दृष्टि से यह अब तक का छठा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
Rajya Sabha Chairman, M Venkaiah Naidu: 32 bills were passed in 35 sittings. This session is the best in the last 17 years. pic.twitter.com/216tSXLaZO
— ANI (@ANI) August 7, 2019
नायडू ने बताया कि 1952 में राज्यसभा के गठन से अब तक कुल 27 बार 30 दिन से अधिक बैठकें हुईं। इनमें नौ सत्र तो 35 से अधिक दिन चले, लेकिन 1955 में सर्वाधिक 50 बैठकें हुईं थीं। उन्होंने कहा कि पिछले 14 सालों में इतने लंबे समय तक सदन की बैठकें कभी नहीं चलीं।