आजकल हर टीवी चैनल और मीडिया हाउस नए-नए सर्वे करा रहा है। हाल ही में इंडिया टुडे और फ़र्स्ट पोस्ट के सर्वे भी आए थे। चुनावों की घोषणा अगले महीने हो सकती है, और अप्रैल में चुनावों के शुरू होने की उम्मीद की जा रही है।
ऐसे में टाइम्स नाउ-VMR का सर्वे आया है जिसमें आगामी लोकसभा चुनावों में किसी भी पार्टी या गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिखाया जा रहा। सर्वे के अनुसार भाजपा के नेतृत्व वाली NDA को 252 सीटें मिलने की बात कही गई है। इसमें से भाजपा को कुल 215 सीटों पर जीत मिलने की उम्मीद है जो कि पिछले चुनावों के 282 सीटों के आँकड़े से 67 कम है।
इसी सर्वे में अगर UPA की बात करें तो इस गठबंधन को 147 सींच मिलने की उम्मीद है। इसमें से कॉन्ग्रेस को 96 सीटें मिल सकती हैं, जो कि पिछले चुनावों के 44 सीटों से 52 ज़्यादा है।
सर्वे में भाजपा के कम सीटों का सबसे बड़ा कारण उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन दिख रहा है जो कि भाजपा वाले NDA को 27 पर गिराता दिख रहा है। पिछले लोकसभा चुनावों में, और विधानसभा चुनाव में भी, भाजपा ने अप्रत्याशित सफलता पाई थी। लेकिन इस बार सपा-बसपा गठबंधन, सर्वे की मानें तो, भाजपा के ताबूत का कील बनती दिख रही है।
हालाँकि, पिछले कई बार ऐसे सर्वे बिलकुल ही गलत साबित हो चुके हैं। अगर अभी तक के तीन बड़े सर्वेक्षणों की बात करे तो फ़र्स्ट पोस्ट ने भाजपा को आगे बताया।
सर्वे के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नरेंद्र मोदी और बीजेपी के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) को जनता की पहली पसंद माना जा रहा है। इस सर्वे के अनुसार NDA, विपक्षी महागठबंधन से बहुत आगे है। इस सर्वे में 52.8% जनता पीएम नरेंद्र मोदी को सर्वाधिक भरोसेमंद नेता मानती है। वहीं, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर केवल 26.8% जनता ने ही विश्वास जताया है।
वहीं, इंडिया टुडे के सर्वे के अनुसार उत्तर भारत के पाँच राज्यों में चुनाव के नतीजे एनडीए के समर्थन में ही आने वाली है। सर्वे के मुताबिक इन पाँच राज्यों – दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान- में NDA को 40% तक वोट मिल सकते हैं, जबकि UPA को महज 23% वोट मिलने की संभावना है। हालाँकि, इस रिपोर्ट के मुताबिक अन्य दल इन राज्यों में यूपीए से ज़्यादा भाजपा व उनके सहयोगी दलों के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं।