पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के एक नेता के बेटे को 13 साल की आदिवासी लड़की के साथ बलात्कार और हत्या के प्रयास के आरोप में गुरुवार (29 अगस्त) को गिरफ्तार किया गया। यह घटना पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के गंगारामपुर उपखंड के बंशीहारी में हुई थी। राष्ट्रीय सुर्खी बनने के बाद राज्य सरकार का इस पर ध्यान गया और कार्रवाई की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपित की पहचान प्रियनाथ राजबंशी के रूप में हुई है। यह TMC के प्रभावशाली बूथ अध्यक्ष नरेश राजबंशी का बेटा है। आरोपित के परिवार के कई सदस्य प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस के साथ जुड़े हुए हैं। इस तरह आरोपित का परिवार इलाके के प्रभावशाली परिवारों में से एक माना जाता है।
प्रियनाथ राजबंशी ने बुधवार (28 अगस्त 2024) की रात को पीड़िता के घर में जबरन घुस गया था और वहाँ पर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया था। कहा जा रहा है कि रेप के बाद उसने नाबालिग लड़की का गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की। इस दौरान नाबालिग चिल्लाई तो उसे बचाने के लिए उसकी माँ आई। हालाँकि, इस दौरान आरोपित प्रियनाथ घटनास्थल से भागने में सफल रहा।
इस घटना में नाबालिग लड़की की गदर्न पर चोट के गहरे निशान पड़ गए हैं। उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कहा जा रहा है कि पीड़िता की हालत गंभीर बनी हुई है। उसका ईलाज गंगारामपुर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस घटना से बंशीहारी इलाके में भय और अफरा-तफरी का माहौल है।
घटना की जानकारी पुलिस को गुरुवार (29 अगस्त) को मिली। इसके बाद एएसपी इंद्रजीत सरकार और आईसी असीम गोप के नेतृत्व में पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुँची। वहाँ आरोपित प्रियनाथ के पैंट और जूते बरामद हुए। इसके साथ ही पुलिस ने दबिश देकर आरोपित प्रियनाथ राजबंशी को भी गिरफ्तार कर लिया है। ग्रामीणों के अनुसार, प्रियनाथ इस तरह की कम-से-कम तीन घटनाओं में शामिल रहा है।
इस घटना के बारे में बताते हुए दीप्ति राजबंशी नाम की एक स्थानीय ग्रामीण ने कहा कि उसे न्याय चाहिए। महिला ने आरोप लगाया कि आरोपित ने पहले भी इसी तरह के अपराध किए हैं। इसलिए उसे इस बार कड़ी-से-कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में वह इस तरह की गलती दोबारा ना करे। चेतावनी देते हुए महिला ने कहा कि अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तो उन्हें अपने हाथ में कानून लेना पड़ेगा।
वहीं, शिबनाथ पांडे नाम के एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लड़कियों की कोई सुरक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि वह आदिवासी समुदायों की सुरक्षा कर रही है, लेकिन सुरक्षा कहाँ है? उनका कहना है कि प्रदेश में इस तरह की घटनाएँ आए दिन हो रही है।