गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने इस संबंध में किए गए ट्वीट और यूट्यूब वीडियो के लिंक को ब्लॉक करने के आदेश दिए हैं। इसी सिलसिले में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने आपत्ति जताई है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है कि भारत में कोई भी बीबीसी का शो न देख सके। शर्म की बात है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सम्राट और दरबारी इतने असुरक्षित हैं।”
Govt on war footing to ensure noone in India can watch a mere @BBC show.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) January 21, 2023
Shame that the emperor & courtiers of the world’s largest democracy are so insecure.
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने भी डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि डॉक्यूमेंट्री में केवल तथ्य हैं। बकौल त्यागी, गुजरात दंगों में कई लोग मारे गए थे और इस संबंध में अगर फैक्टस सामने आ रहे हैं तो किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि सरकार के आदेश के बाद ट्विटर और यूट्यूब से डॉक्यूमेंट्री से संबंधित लिंक हटाए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब वीडियो के लिंक वाले 50 से ज्यादा ट्वीट्स को ब्लॉक किया गया है। आईटी नियम, 2021 के तहत इमरजेंसी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने यह कार्रवाई की है। दरअसल विवाद बीबीसी की ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो पार्ट में बनाई गई डॉक्यूमेंट्री सीरीज से जुड़ा है। इसमें गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी के कार्यकाल पर हमला किया गया है। दंगों के दौरान मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
इससे पहले केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जारी इस विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री की निंदा की थी। विदेश मंत्रालय ने इसे भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने की कोशिश करार दिया था। इस डॉक्यूमेंट्री में गोधरा कांड में इस्लामवादियों की भूमिका पर पर्दा डालने की कोशिश की गई है। गोधरा कांड में 59 हिंदू मारे गए थे।
बीबीसी की पूर्व रिपोर्टर जिल मैकगिवरिंग ने इस डॉक्यूमेंट्री में कहा है, ”गोधरा कांड एक ऐसे राज्य में हुआ था जहाँ हिंदू बहुसंख्यकों और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच तनाव का लंबा इतिहास रहा है। यहाँ सांप्रदायिक हिंसा और घृणित हिंसा का भी इतिहास रहा है।”
मैकगिवरिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दंगों का बदला लेने वाले कट्टरपंथी हिंदू के रूप में दिखाने की कोशिश है। जिसने कथित तौर पर चीजों को ऐसे पेश किया जिससे लगे गोधरा कांड के कारण हिंदुओं के बीच में गुस्सा था। इस गुस्से के कारण ही यह सब हुआ। इस तरह से बीबीसी ने ‘साबरमती एक्सप्रेस’ में आग लगाने वाले कट्टरपंथियों की भूमिका पर पर्दा डालने का असफल प्रयास किया है।