पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की छात्र शाखा ‘तृणमूल छात्र परिषद’ ने शुक्रवार (27 सितंबर 2024) को अपने दो वरिष्ठ नेताओं को निलंबित कर दिया। प्रांतिक चक्रवर्ती और राजन्या हलधर ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार के बाद निर्मम हत्या पर एक लघु फिल्म बनाई थी।
तृणमूल छात्र परिषद ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि बताया है और इसके आरोप में दोनों में निलंबित कर दिया। चक्रवर्ती और हलधर ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की इस घटना पर बनाई लघु फिल्म का नाम ‘अगमनी, तिलोत्तोमादेर गल्पो’ (तिलोत्तोमा की कहानी) दिया है। यह मामला तब सामने आया, जब राजन्या हलधर ने सोशल मीडिया पर फिल्म का पोस्टर अपलोड किया।
राजन्य हलधर ने सोशल मीडिया पोस्टर के नीचे टैगलाइन दिया था, ‘आरजी कर घटना की पृष्ठभूमि में’। प्रांतिक चक्रवर्ती द्वारा निर्देशित यह फिल्म अगले महीने यानी अक्टूबर के पहले सप्ताह में रिलीज होने वाली है। परिषद के प्रदेश अध्यक्ष त्रिनकुर भट्टाचार्य ने नोटिस में कहा कि दोनों सदस्यों को निलंबित करने का निर्णय तब तक लागू रहेगा, जब तक पार्टी की अनुशासन समिति इस पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेती।
तृणमूल छात्र परिषद की नोटिस में कहा गया है, “दोनों छात्र कार्यकर्ताओं ने पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन किया है और जनता के बीच यह गलत धारणा बनाई कि टीएमसीपी फिल्म का प्रचार कर रही है।” इस बीच, प्रांतिक चक्रवर्ती ने दावा किया है कि इस फिल्म का आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की घटना से कोई संबंध नहीं है।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कॉन्ग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा कि रचनात्मक क्षेत्र में हर किसी को व्यक्तिगत स्वतंत्रता है, लेकिन अगर कोई भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज जैसी चौंकाने वाली एवं दुखद घटना का फायदा उठाकर अपनी फिल्म का प्रचार करने की कोशिश करेगा तो पार्टी उस पर कार्रवाई करेगी।
वहीं, बंगाल भाजपा ने इस फिल्म को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि यह मृत डॉक्टर की स्मृति का घृणित अपमान है। भाजपा ने सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि टीएमसी ने एक मौत को सस्ते स्टंट में बदल दिया है। इससे साबित होता है कि उनके पास कोई शर्म, विवेक और न्याय के लिए सम्मान नहीं बचा है।
TMC leader Rajanya Haldar playing ‘Tilottama’ in a short film is a disgusting insult to the memory of Abhaya.
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) September 27, 2024
TMC’s complete lack of decency is on full display as they desecrate the tragedy of her death and make a mockery of the fight for justice.
This is beyond… pic.twitter.com/YrDSQvCA7S
इससे पहले प्रांतिक ने कहा था, “मिथुन चक्रवर्ती ने सुमन घोष की ‘नोबेल चोर’ में काम किया था। सीबीआई अभी भी नोबेल पुरस्कार का पता नहीं लगा पाई है। क्या किसी ने फिल्म पर सवाल उठाया? राज चक्रवर्ती ने बरुन बिस्वास के जीवन पर ‘प्रोलॉय’ बनाई, हालांकि मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है।”
उन्होंने आगे कहा, “मेरी फिल्म में पूजा (दशहरा) से पहले सकारात्मक माहौल है। बलात्कार भारत के हर हिस्से में एक वास्तविकता है। मुझे खुशी है कि बंगाल इसके खिलाफ खड़ा हुआ। बंगाल में विरोध करने की हिम्मत और लोकतांत्रिक माहौल है। मेरी 12 मिनट की फिल्म विरोध, भावना और उम्मीद की कहानी है।”
राजन्या ने इस बात पर जोर दिया कि वह एक कलाकार के तौर पर इस परियोजना का हिस्सा थीं, न कि अपने राजनीतिक जुड़ाव के लिए। उन्होंने कहा, “हमने यह फिल्म एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए बनाई है। मेरी किरदार ‘माँ’ एक डॉक्टर है, जिसका बलात्कार हुआ था। दर्शक उसे आरजी कर जूनियर डॉक्टर के रूप में देख सकते हैं। हालाँकि हमने ऐसा नहीं बताया है।”
आरजी कर जूनियर डॉक्टर से एक्टर बनीं किंजल नंदा ने कहा, “यह आंदोलन को कमजोर करने का एक बेशर्म प्रयास है। मैं पोस्टर में ‘आरजी कर घटना की पृष्ठभूमि पर आधारित’ लाइन के इस्तेमाल की निंदा करती हूँ। एक एक्टर के तौर पर मैं एक कलाकार की स्वतंत्रता का सम्मान करती हूँ, लेकिन यह एक क्रूर अपराध है और इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है।”