कश्मीर का डल झील पर्यटकों के बीच आकर्षण का एक बड़ा कारण है। ऐसे ही एक पर्यटक का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें डल झील की शिकारा में बैठकर वह शराब पी रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद कश्मीर में इसका विरोध शुरू। हो गया है। इस्लामी नेताओं ने इसे गैर-इस्लामी बताया है। वहाँ के राजनीतिक दलों ने भी इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा, “डल झील में शिकारे में शराब पीने वाले पर्यटकों की अश्लील हरकतों की कड़ी निंदा की जाती है। ‘कश्मीर बदल रहा है’ की आड़ में सरकार को याद रखना चाहिए कि इस तरह का व्यवहार यहाँ स्वीकार्य नहीं है। एक आधुनिक समाज सड़कों पर अश्लील तरीके से नाचना या सार्वजनिक रूप से शराब पीना पसंद नहीं करता। ऐसी हरकतें बंद होनी चाहिए।”
Strongly condemn the vulgar acts of tourists drinking alcohol on a Shikara in Dal Lake.
— Tanvir Sadiq (@tanvirsadiq) June 8, 2024
Under the garb of "Kashmir Badal Raha Hai," the government must remember that such behavior is not acceptable here. A modern society doesn’t dance vulgarly in the streets or drink in public.… pic.twitter.com/mpYQDAnh6u
उन्होंने आगे कहा, “जम्मू-कश्मीर प्रशासन को सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने पर प्रतिबंध लगाने वाले कानूनों को सख्ती से लागू करना चाहिए। हमारे मेहमाननवाज़ लोग पर्यटकों का सम्मान करते हैं, लेकिन गैर-इस्लामिक और अनैतिक कार्य स्वीकार्य नहीं होंगे।” वहीं, गुलाम नबी आज़ाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सलमान निज़ामी ने भी इसके खिलाफ़ कार्रवाई की माँग की है।
सलमान नियाजी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “सूफ़ीवाद की धरती कश्मीर में शिकारे में खुलेआम शराब पीना अस्वीकार्य है। इस तरह का व्यवहार हमारी संस्कृति और समाज को खराब करता है। मैंने यह क्लिप संबंधित एसडीपीओ (सब-डिवीज़नल पुलिस अधिकारी) नेहरू पार्क को भेज दी है। इन पर्यटकों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
वहीं, मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाली मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (विद्वानों की संयुक्त परिषद) ने एक बयान में कहा, “कानून के तहत शराब का सार्वजनिक सेवन सख्त वर्जित है, लेकिन इसकी अनुमति क्यों और कैसे दी गई, यह चिंता का विषय है। कश्मीर के लोग मेहमाननवाज़ हैं और घाटी में आने वाले पर्यटकों का मेहमान की तरह सम्मान करते हैं।”
घाटी में इस्लाम विभिन्न तबके और शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख व्यक्तियों वाली इस संस्था ने आगे कहा, “संतों और सूफियों वाली मुस्लिम बहुल घाटी में इस तरह की गैर-इस्लामिक और अनैतिक प्रथाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” संस्था ने होटल मालिकों और हाउसबोट एवं शिकारा मालिकों से इन हरकतों पर नज़र रखने और पर्यटकों से कश्मीर के नैतिक और धार्मिक लोकाचार का सम्मान करने का आग्रह किया।