मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने शनिवार (फरवरी 22, 2020) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि वो होम मिनिस्टर नहीं, हेट मिनिस्टर हैं। इसके साथ ही करात ने कहा कि देश को केंद्र सरकार से सबसे बड़ा खतरा है। आज हमारे देश के चरित्र को बचाने का संघर्ष चल रहा है। केंद्रीय मंत्री कानून के साथ नहीं बल्कि उद्योपतियों के साथ खड़े हैं।
उन्होंने अगरतला में माकपा के राज्य-जनजातीय फ्रंटल संगठन के 22 वें केंद्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली चुनाव के कैंपेनिंग के दौरान कहा कि ईवीएम का बटन इतने गुस्से के साथ दबाना कि बटन यहाँ दबे और करंट शाहीन बाग के अंदर लगे। क्या कोई गृह मंत्री ऐसा भाषण दे सकता है? इसलिए मैं कहती हूँ कि अमित शाह भारत के होम मिनिस्टर नहीं हैं, वह देश के हेट मिनिस्टर का काम कर रहे हैं।”
बृंदा करात ने आगे कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार बहुमत के बल पर सांप्रदायिकता को आधार बनाकर लोगों का ध्रुवीकरण कर रही है। इसके साथ ही करात ने आरोप लगाया कि मॉब लिंचिंग, सांप्रदायिक हिंसा और घृणा का माहौल अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी के हेट पॉलिटिक्स का परिणाम का है।
साथ ही करात ने दावा किया कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) से नॉर्थ-ईस्ट के आदिवासी सबसे अधिक प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोग धर्म के आधार पर नागरिकता को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि यह संविधान की आत्मा के खिलाफ है और वो संविधान की रक्षा के लिए खड़े हैं। करात ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में कोई काम नहीं हुआ है। किसानों को उचित मजदूरी नहीं मिल रही है, भाजपा गरीब लोगों से पैसा लूट रही है और हर दिन देश के लोगों के अधिकार का हनन किया जा रहा है।”