प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की बात करके इसे एक बार फिर से विमर्श में ला दिया है। इस बीच पीएम मोदी और भाजपा का बात-बात में विरोध करने वाली आदमी पार्टी (AAP) ने UCC को अपना समर्थन दिया है। AAP ने कहा कि इसको लागू करने से पहले सभी धर्मों, राजनीतिक दलों और संगठनों से विमर्श कर आम सहमति बनानी चाहिए।
AAP नेता संदीप पाठक ने बुधवार (28 जून 2023) को कहा, “देखिए सैद्धांतिक रूप से हम इसके समर्थन में हैं। संविधान की धारा 44 भी इसका समर्थन करती है कि देश में UCC होनी चाहिए। चूँकि यह मुद्दा सभी धर्म-संप्रदाय से जुड़ा हुआ है, इसलिए हम ये चाहते हैं कि इस पर व्यापक स्तर पर बातचीत हो।”
AAP नेता ने कहा, “इसके लिए धर्म, संप्रदाय, राजनीतिक दलों से बातचीत होनी चाहिए। कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं, जिन्हें आप आने वाले समय में रिवर्स नहीं कर सकते। कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं, जो देश के लिए बहुत मूलभूत होते हैं। ऐसे मूलभूत मुद्दों पर तानाशाही तरीके से जाना ठीक नहीं होगा।”
हम सैद्धांतिक रूप से UCC के समर्थन में हैं क्योंकि Article 44 भी कहता है कि देश में UCC होना चाहिए।
— AAP (@AamAadmiParty) June 28, 2023
कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं, जिन पर आप Reverse नहीं जा सकते हैं, ऐसे मुद्दे लागू करने से आपसे कई धर्मो, सम्प्रदाय के लोग नाराज़ हो सकते हैं
आप Authoritarian तरीक़े से इसे लागू नहीं… pic.twitter.com/RKXZvtsLVu
हालाँकि, पाठक ने भाजपा और पीएम मोदी पर निशाना भी साधा। उन्होंने ने कहा है कि यह भाजपा की कार्यशैली में शामिल है कि जब भी चुनाव आता है तो वह कॉम्प्लिकेटेड और कॉम्प्लेक्स मुद्दे लेकर आती है। पाठक ने आगे कहा कि भाजपा को UCC लागू करने से कोई लेना-देना नहीं है। वह सिर्फ कंफ्यूजन क्रिएट करती है, ताकि देश में खाई पैदा करके चुनाव लड़ा जा सके।
बताते चलें कि कॉन्ग्रेस सहित अधिकतर विपक्षी दलों ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के खिलाफ बयान दे रहे हैं। दरअसल, पीएम मोदी ने मंगलवार (27 जून 2023) को भोपाल में UCC की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि जब एक परिवार में दो कानून से नहीं चल सकते। ऐसे में दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? उन्होंने आरोप था कि इस संवेदनशील मुद्दे पर मुस्लिमों को भड़काया जा रहा है।
बताते चलें कि AAP और कॉन्ग्रेस बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भाजपा के खिलाफ बनाई जा भी विपक्षी एकजुटता वाली पार्टी के हिस्से हैं। हालाँकि, बैठक के दौरान दिल्ली सेवा अध्यादेश पर AAP ने कॉन्ग्रेस से समर्थन माँगा था। इसके बाद दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए थे।
अब जिस UCC के खिलाफ कॉन्ग्रेस खड़ी दिख रही है, उसका APP ने समर्थन कर दिया है। इतना ही नहीं, AAP ने कहा कि वह दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। पाठक ने यह भी कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी लोगों को बताएगी की केंद्र का अध्यादेश उनके खिलाफ है।