अपने आप को ‘सबसे बड़ा दलित नेता’ बताने वाले उदित राज ने चंद्रयान-2 को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिससे ट्विटर पर उन्हें लोगों ने न सिर्फ़ लताड़ा बल्कि उनकी योग्यता पर भी सवालिया निशान लगाया। चंद्रयान-2 के लैंडर का इसरो से कनेक्शन टूटने के बाद जहाँ भारतीयों ने इसरो के वैज्ञानिकों का ढाँढस बँधाया, उदित राज इसमें भी धर्म घुसा कर राजनीति करने से बाज नहीं आए। नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के पूर्व सांसद ने अपनी ट्वीट में लिखा:
“हमारे इसरो के वैज्ञानिकों ने अगर नारियल फोड़ने और पूजा पाठ पर विश्वास जताने की बजाय अगर वैज्ञानिक शक्ति और आधार पर विश्वास किया होता तो अब तक मिली आंशिक असफलता का मुँह ना देखना पड़ता।”
बता दें कि जुलाई में इसरो अध्यक्ष के. सिवन और उपाध्यक्ष उमा महेश्वरन ने नेल्लोर स्थित चेंगलम्मा माता मंदिर में पूजा-अर्चना कर चंद्रयान-2 की सफलता के लिए आशीर्वाद माँगा था। इसके बाद उन्होंने चित्तूर स्थित तिरुमला मंदिर में पूजा की थी। इस दौरान के सिवन सहित इसरो के अन्य वैज्ञानिकों ने भगवान तिरुपति के सामने चंद्रयान-2 प्रतिकृति भेंट की थी।
हमारे @isro वैज्ञानिकों ने अगर नारियल फोड़ने और पूजा पाठ के विश्वास के बजाय वैज्ञानिक शक्ति और आधार पर विश्वास करते तो अब तक मिली आंशिक असफलता का मुँह ना देखना पड़ता।
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) September 7, 2019
बता दें कि उदित राज अपनेआप को सबसे बड़ा दलित नेता बताते रहे हैं। भाजपा में टिकट नहीं मिलने पर आम चुनावों से पहले वे कॉन्ग्रेस में चले गए थे। कई लोगों ने पूर्व सांसद से उनकी शैक्षिक योग्यता जाननी चाही। लोगों ने ट्विटर पर उदित राज से पूछा कि उन्होंने किस विषय से स्नातक किया था कि उनका बेसिक ज्ञान भी इतना कमजोर है? कुछ लोगों ने कहा कि देश में उदित राज जैसे नेताओं के रहते पाकिस्तान की क्या ज़रूरत है?
इससे पहले ईवीएम को लेकर उदित राज ने सुप्रीम कोर्ट पर ही धाँधली का आरोप लगा दिया था। उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग बिक चुका है। सुप्रीम कोर्ट के अलावा वह राष्ट्रपति पद पर भी टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि भाजपा हमेशा गूँगे-बहरों को ही राष्ट्रपति बनाती है।